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साधारण सभा में पहले मुद्दे पर ही भिड़े पक्ष- विपक्ष, दो घंटे हंगामे के बाद बैठक खत्म

राजस्थान के सीकर जिले की श्रीमाधोपुर नगर पालिका की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई।

सीकरAug 10, 2021 / 03:37 pm

Sachin

साधारण सभा में पहले मुद्दे पर ही भिड़े पक्ष- विपक्ष, दो घंटे हंगामे के बाद बैठक खत्म

सीकर/श्रीमाधोपुर. राजस्थान के सीकर जिले की श्रीमाधोपुर नगर पालिका की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी व पालिकाध्यक्ष हरिनारायण महंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पीड ब्रेकर के पहले मुद्दे पर ही पक्ष व विपक्ष आमने सामने हो गए। दरअसल पालिकाध्यक्ष महंत ने नगर पालिका क्षेत्र के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के लिए स्पीड ब्रेकर खरीदने का प्रस्ताव रखा था। इस पर वार्ड 27 के पार्षद श्रवण आचार्य ने ऐसी जगहों व खरीद का ब्यौरा मांगते हुए विरोध शुरू कर दिया। इसी बीच मनोनीत पार्षद दिनेश सिंह शेखावत ने भी सदन के मुद्दों को पालिकाध्यक्ष व उनकी पार्टी के लोगों द्वारा तय किए जाने व उनमें आपसी सहमति की कमी के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। इसी बीच पार्षद नंदकिशोर सैनी, जगदीश मीणा, विनेश सैनी, मदन चौहान व सुनील पुरी ने भी इस मुद्दे पर पालिकाध्यक्ष को घेरा तो उनकी मत विभाजन की बात पर भी कांग्रेसी पार्षदों ने बवाल कर दिया। जिसके बीच में वार्ड 29 की पार्षद कमला देवी के स्यापा नहीं करने की बात पर तो कांग्रेसी पार्षद ज्यादा बिफर गए और भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर उनका अपमान करने की बात करते हुए माफी मांगने की बात पर अड़ गए। करीब 2 घंटे तक जारी रहे हंगामे केा विधायक दीपेन्द्र सिंह ने भी बीच बीच में शांत करने की असफल कोशिश की। आखिरकार पालिकाध्यक्ष ने बैठक निरस्त कर दी। जिसके बाद विधायक व कांग्रेस पार्षद सदन के बाहर आ गए। कांग्रेसी पार्षदों ने इस दौरान पालिकाध्यक्ष के खिलाफ नारे भी लगाए।

विधायक के कहने पर हुआ हंगामा: पालिकाध्यक्ष महंत
बैठक में हंगामे को लेकर पालिकाध्यक्ष हरि नारायण महंत ने श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा है। महंत का आरोप है कि विधायक के कहने पर ही कांग्रेस पार्षद सदन नहीं चलने देने की योजना बनाकर आए थे। इसी वजह से पूरे समय वे हो- हुल्लड़ करते रहे।

भाजपा में आपसी सहमति नहीं
इधर मामले में विधायक दीपेंद्र सिंह ने पालिकाध्यक्ष व भाजपा पार्षदों पर सदन नहीं चलने देने का दोष मढ़ा। उन्होंने कहा कि बोर्ड भाजपा का है। पालिकाध्यक्ष व मुद्दे भी भाजपा के थे। पार्षदों की लिखित में स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग पर ही अध्यक्ष ने बैठक में प्रस्ताव रखा था। फिर उन्हीं के लोगों ने प्रस्ताव का विरोध किया। इससे साफ है कि पालिकाध्यक्ष व उनके पार्षद ही नगरपालिका का विकास नहीं चाहते।

मत विभाजन में हार का डर
इधर, सदन में हंगामे की वजह भाजपा पार्षद मत विभाजन की मांग को भी बता रहे हैं। उनका कहना था कि चूंकि नगर पालिका में कुल 35 पार्षदों में से 18 भाजपा व 17 कांग्रेस के हैं। जिनमें से कांग्रेस के एक पार्षद राजेश कुमार की अनुपस्थिति में मत विभाजन में कांग्रेस को अपनी हार नजर आ रही थी। ऐसे में कांग्रेस पार्षदों ने जानबूझकर हंगामा कर बैठक स्थगित करवाई।

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