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शेखावाटी का प्याज ले रहा किसानों के मजे, खुद हंस रहा मगर, किसानों को आंसू बहाने लायक भी नहीं छोड़ा, जानिए वजह

अप्रेल माह में शेखावाटी का प्याज पांच रुपए प्रति किलो से भी कम मंडी में बिका था

सीकरNov 01, 2017 / 01:45 pm

vishwanath saini

सीकर. शेखावाटी के प्याज को भले ही देशभर में बड़े चाव से खाया जाता है, मगर इसका मिजाज ऐसा है कि किसान भी नहीं समझ पाते हैं। तभी छह माह पहले प्याज को कोडिया के भाव बेचने, प्याज पर पशु छोड़ देने और प्याज को टै्रक्टरों से कुचलवा देने वाले किसानों के प्याज भी खूब मजे ले रहा है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि प्याज पर भरोसे नहीं रखकर उसे औने-पौने दामों में बेचने वाले किसान अब प्याज को सात गुना महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में किसान प्याज के इस धोखे पर आंसू बहाने लायक भी नहीं रहे।

अप्रेल माह में शेखावाटी का प्याज पांच रुपए प्रति किलो से भी कम मंडी में बिका था लेकिन महज छह माह में ही प्याज के भावों ने फिर रिकार्ड तोडऩा शुरू कर दिया है। अब प्याज के थोक भाव 28 से 35 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
मजबूरन कोडिय़ों के भाव बेचे गए प्याज को अब किसानों को महंगे भावों में खरीदना पड़ रहा है। रही सही कसर दिवाली पर नया प्याज नहीं होने से हो गई है। गौरतलब है कि जिले में खरीफ सीजन साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन हुआ था।
तडक़ा लगाना महंगा
गृहिणी के लिए रसोई में तडक़ा लगाना मुश्किल हो गया है। अभी तक तो टमाटर के भाव ही आसमान छू रहे थे अब प्याज भी इस राह पर निकल पड़ा है। प्रत्येक गृहिणी अभी तक तो टमाटर के रसोई में आने के इंतजार में थी लेकिन अब प्याज भी रसोई से बाहर होता दिख रहा है। जिसके भाव महज 15 दिनों में ही दोगुना हो चुके हैं। प्याज के भाव बढऩे से को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।
एक पखवाड़े में आई तेजी
शहर की थोक मंडी में 15 दिन पहले प्याज के दाम 20 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा था। अब यह बढकऱ 30 रुपए किलो तक छलांग लगा गया है। स्थानीय स्तर पर प्याज की उत्पादन नहीं होने से इस समय मंडी में महाराष्ट्र के नासिक के साथ स्थानीय प्याज आ रहा है। व्यापारियों की माने तो अभी भी कई जगह खेतों में प्याज का स्टॉक लगा हुआ है। भावों में आई तेजी के कारण जिनके पास प्याज का स्टॉक बचा हुआ है उनके वारे-न्यारे हो गए हैं।
sikar onion
आंदोलन भी किया था
प्रदेश में प्याज की बंपर पैदावार होने पर गर्मियों में प्याज के भाव में भारी गिरावट आ गई थी। किसानों ने प्याज को सडक़ों पर फैंकना शुरू कर दिया था और आंदोलन भी किया था। इसके बावजूद सरकार ने प्याज की खरीद नहीं की। हालांकि बाद में प्याज की खरीद के लिए सरकार ने सीकर में केन्द्र भी खोला था लेकिन प्याज की खरीद नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि सीकर जिले में प्याज उत्पादन के लिए अग्रणी गांवों रसीदपुरा, मैलासी, खूड़ी, सांवलोदा सहित दर्जनों गांवों के करीब पचास हजार किसानों को दो से तीन रुपए रुपए प्रति किलो तक प्याज बेचना पडऩा था। मजबूरी में कई किसानों ने प्याज की फसल पर ट्रैक्टर चला दिए।
इसलिए नहीं हुआ स्टॉक
शेखावाटी के मीठे प्याज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। इस कारण यहां के प्याज की मांग ज्यादा रहती है। लेकिन प्याज का भंडारण नहीं हो पाता है। इस समय प्याज के थोक भाव 28 से 35 रुपए प्रति किलो थोक तक बोले जा रहे हैं।
-रतनलाल सैनी,थोक व्यापारी, कृषि उपज मंडी, सीकर

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