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Shaheed Ramniwas Yadav Sikar : साथियों को बचाने में BSF ASI ने लगा दी जान की बाजी, अंतिम विदाई देने पहुंचने लगे लोग

Neemkathan Shaheed : सांबा सेक्टर की चमलियाल पोस्ट पर शहीद रामनिवास यादव नीमकाथाना तहसील के डाबला गांव की बाना वाली ढाणी के रहने वाले थे।

सीकरJun 14, 2018 / 01:33 am

vishwanath saini

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Ramniwas yadav

सीकर. पाकिस्तान की ओर से हुए सीज फायर में बुधवार को सीकर का बहादुर बेटा शहीद हो गया। शहीद रामनिवास यादव नीमकाथाना तहसील के डाबला गांव की बाना वाली ढाणी के रहने वाले थे। वे सांबा सेक्टर की चमलियाल पोस्ट पर अपने तीन साथियों के साथ पाक की ओर से हुई गोलाबारी के दौरान शहीद हो गए। शहीद के भाई विजय सिंह के अलावा परिवार में किसी को भी रामनिवास के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है। रामनिवास जम्मू कश्मीर में बीएसएफ की 62वीं बटालियन में एएसआई थे। उनकी पोस्टिंग तीन साल पहले ही जैसलमेर से जम्मू-कश्मीर हुई थी। करीब डेढ़ माह पहले ही वे छुट्टियां बिताने गांव आए थे।

रात को पहुंचा शव, आज होगी अंत्येष्टि

शहीद रामनिवास यादव की अंत्येष्टि गुरुवार को उनके पैतृक गांव में होगी। शहीद की पार्थिव देह जम्मू कश्मीर से रात दस बजे फ्लाइट के जरिए जयपुर पहुंची है। यहां से पाटन पुलिस थाने में और फिर गांव में लाई जाएगी।

गांव में छाया सन्नाटा, नहीं जले चूल्हे

जैसे ही ग्रामीणों को रामनिवास के शहीद होने की सूचना लगी तो शोक की लहर दौड़ गई। बुधवार को पूरे दिन लोगों ने चूल्हे तक नहीं जले। हर कोई शहीद के परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचा। ढाणी में सन्नाटा छा रहा।

बेटा एनडीआरएफ में

शहीद रामनिवास यादव का बेटा संदीप यादव भी एनडीआरएफ में रहकर देश की सेवा कर रहा है। उसकी पोस्टिंग भटिंडा है। वहीं, एमए कर रही बेटी सुमन भी खुद में देश सेवा का जज्बा पाले हुए है। पांच भाइयों में तीसरे नंबर के राम निवास पिता सेडाराम और एक बड़े भाई को पहले ही खो चुके थे। बाकी तीन भाई गांव में रहकर खेती कर रहे हैं। रामनिवास 1988 में सेना में भर्ती हुए थे।

ऐसे शहीद हुए रामनिवास यादव

शहीद कि बटालियन के आसुदोश व सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मंगलवार रात करीब दस बजे पाकिस्तान कि तरफ से शुरू हुई फायरिंग में उनकी बटालियन के घायल हुए दो जवानों की मदद करने जाते समय इनकी टोली पर पाकिस्तान की 60 एमएम तोप का गोला गिरने से रामनिवास शहीद हो गए।

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