सीकर.भगवान भोलेनाथ की आराधना का माह सावन इस बार पिछले वर्ष की तुलना में करीब 18 दिन देरी से आएगा। शुरुआत 28 जुलाई से होगी। अच्छी बात यह है कि इस बार सावन पूरे 30 दिन का रहेगा। इसका समापन 26 अगस्त को रक्षाबंधन के पर्व के साथ होगा। पिछले साल सावन 10 जुलाई से ही शुरू हो गया था और 7 अगस्त को समाप्त हो गया था। ऐसे में केवल 29 दिन का ही सावन महीना हुआ था।
पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस बार का सावन महीना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्येष्ठ अधिमास का संयोग 19 साल बाद आया है। वहीं ज्येष्ठ अधिमास के बाद सावन पूरे 30 दिन का रहेगा। सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ेगा। इसके बाद 6 अगस्त 13 अगस्त और फिर आखिरी सोमवार 20 अगस्त को आएगा। ऐसे में भक्त सावन मास में चार सोमवार को शिवजी को कावड़ चढ़ाकर अभिषेक करेंगे। महिलाएं परिवार के साथ वन सोमवार कर उपवास करेंगी।—————–
पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस बार का सावन महीना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्येष्ठ अधिमास का संयोग 19 साल बाद आया है। वहीं ज्येष्ठ अधिमास के बाद सावन पूरे 30 दिन का रहेगा। सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ेगा। इसके बाद 6 अगस्त 13 अगस्त और फिर आखिरी सोमवार 20 अगस्त को आएगा। ऐसे में भक्त सावन मास में चार सोमवार को शिवजी को कावड़ चढ़ाकर अभिषेक करेंगे। महिलाएं परिवार के साथ वन सोमवार कर उपवास करेंगी।—————–
9 व 23 को प्रदोष मिश्रा ने बताया कि भगवान आशुतोष का प्रिय प्रदोषव्रत 9 अगस्त गुरुवार और 23 अगस्त को होंगे। सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना विशेष माना जाता है। इस माह में श्रद्धालु धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी करते हैं। मंदिरों में भी रुद्राभिषेक होंगे।
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लोहार्गल व हरिद्वार से लाएंगे कावड़
शेखावाटी के हजारों श्रद्धालु इस माह में झुंझुनूं जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लोहार्गल से कावड़ लेकर पैदल आएंगे। इसके बाद भगवान भोले का जलाभिषेक करेंगे। इसके अलावा अनेक श्रद्धालु हरिद्वार से भी पैदल कावड़ लेकर आएंगे। शिव भक्त अभी से इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
शेखावाटी के हजारों श्रद्धालु इस माह में झुंझुनूं जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लोहार्गल से कावड़ लेकर पैदल आएंगे। इसके बाद भगवान भोले का जलाभिषेक करेंगे। इसके अलावा अनेक श्रद्धालु हरिद्वार से भी पैदल कावड़ लेकर आएंगे। शिव भक्त अभी से इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
——————————– दांतारामगढ़. दांतारामगढ़ कस्बे में रामलीला का मंचन बुधवार रात से शुरू हुआ। रामलीला धर्म प्रचारक मण्डल प्रयागक्षेत्र की ओर से समानत संस्कृति एवं गोरक्षा पर आधारित तुलसीकृत रामचरित मानस रामलीला का मंचन मुख्य बाजार में किया जा रहा है। रात आठ से 11 बजे तक बुधवार को मुनि आगमन, लक्ष्मण मारीच वध का मंचन किया। वहीं शुक्रवार को लक्ष्मण परशुराम संवाद व सीता स्वंयबर में श्रीराम व सीता विवाह का मंचन किया जाएगा।