मेडिकल कॉलेज के अधीन ही रहेगा एसके अस्पताल
सीकर. सांवली मेडिकल कॉलेज को इस सत्र से ही खोलने के लिए चिकित्सा विभाग गंभीर नजर आ रहा है। गुरुवार को मेडिकल चिकित्सा शिक्षा के प्रिंसीपल सेकेटरी हेमंत गेरा ने मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य देखा और निर्माता एजेंसी के अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। एसके अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के अधीन रखने के लिए रिनोवेशन के प्रस्ताव बनाकर भेजने के कहा। एसके अस्पताल में चिकित्सकों की बैठक में मेडिकल निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग और एमसीआई के निरीक्षण में मिली खामियों को पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. केके वर्मा, पीएमओ डॉ. अशोक बिजारणिया,डॉ. बी.एस. गढ़वाल, डॉ. एस.के शर्मा, डॉ. हरिसिंह, डॉ. महेश चौधरी सहित कई चिकित्सक और निर्माण एजेंसी के अधिकारी मौजूद रहे।
अब ऐसे होगा मेडिकल कॉलेज का काम
सांवली मेडिकल कॉलेज के अधीन एसके अस्पताल और एमसीएच विंग को करने पर बैड की संख्या तो पूरी हो जाती है लेकिन एमसीआई मेडिकल कॉलेज और अटैच अस्पताल का संचालन तीन जगह होने पर स्वीकृति नहीं देती है।
इस कारण एसके अस्पताल परिसर में बने भवन का ही जीर्णोद्वार करने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा सरकार ने हाल में 16 करोड की लागत से एमसीएच विंग तैयार की है। अब सांवली में मेडिकल कॉलेज परिसर में नया भवन बनाए जाने पर नए अस्पताल का खर्च भी करोड़ों में आएगा साथ ही भूमि के लिए भी राशि खर्च करनी पड़ेगी। ऐसे में एसके अस्पताल परिसर में एमसीआइ के नाम्र्स के अनुसार रिनोवेशन करवाया जाएगा। जिससे अगले माह में एमसीआइ का निरीक्षण करवाया जा सके।
ये हंै खामियां
– जिला अस्पताल का पट्टा नहीं
– वार्डों में बेड की संख्या कम होना
– विभागवार आवंटन नहीं
– वार्डों में साइड रूम नहीं है।
– अटैच अस्पतालों की दूरी 10 किलोमीटर से ज्यादा होना
– तीन ऑपरेशन थिएटर नहीं
कवायद जारी
मेडिकल कॉलेज के अधीन फिलहाल कल्याण अस्पताल को ही रखने के लिए प्रस्ताव बनाया जाएगा। इसके निर्देश प्रिंसीपल सेकेटरी हेमंत गेरा ने दिए हैं। परिसर में संचालित एएनएम सेंटर को पिपराली शिफ्ट करने की कवायद चल रही है।
डॉ. अशोक चौधरी, पीएमओ, एसके अस्पताल, सीकर
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