शेखावत ने राजस्थानी साहित्य को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में अहम् भूमिका निभाई है। राजस्थान, राजस्थानी भाषा और संस्कृति पर शोध और इतिहास लेखन करने वाले विद्धवानों के प्रकाशित ग्रंथों के सन्दर्भ लेखों में भी इनका जगह जगह प्रकाशित नाम और उनके सन्दर्भ उन्हें राजस्थानी भाषा मनीषी के रूप में प्रतिष्ठापित करते हैं।
विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं की सम्पादकीय जिम्मेदारी, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदों के साथ शेखावत राजस्थानी शोधसंस्थान चोपासनी के सहायक निदेशक व राजस्थानी भाषा उनयन एवं संवेधानिक मान्यता समिति (राजस्थान सरकार द्वारा गठित 1990), राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी , बीकानेर के चेयरमैन व साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य व राज्य के प्रतिनिधि रहे। शेखावत ने आकाशवाणी जोधपुर के लिए भी राजस्थानी भाषा में कई प्रस्तुतियां दी।