पर्ची वाली सरकार के राज में राजस्थान में राज नाम की कोई चीज ही नहीं रही है। इससे जनता में भी सरकार के खिलाफ आक्रोश है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शिवसिंहपुरा में मीडिया से बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर पीसीसी चीफ ने सरकार को जमकर निशाने पर लिया। पिछले 6-7 महीनों में प्रदेश सरकार ने कोई काम नहीं किया है। 5 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। भाजपा (BJP) का कोई नेता इस्तीफा दे रहा है तो कोई बोल रहा है कि ब्यूरोक्रेसी हावी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलने और उनको बंद करने का काम भाजपा सरकार की ओर से किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री पर तंज, देना चाहिए इस्तीफा
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) की टिप्पणी के मामले में कहा कि शिक्षा मंत्री का काम होता है कि वह प्रदेश के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दिलाने की दिशा में प्रयास करें। लेकिन वह आदिवासी समाज पर टिप्पणी कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को शिक्षामंत्री से इस्तीफा लेकर अन्य किसी को विभाग को सौंपना चाहिए।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) की टिप्पणी के मामले में कहा कि शिक्षा मंत्री का काम होता है कि वह प्रदेश के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दिलाने की दिशा में प्रयास करें। लेकिन वह आदिवासी समाज पर टिप्पणी कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को शिक्षामंत्री से इस्तीफा लेकर अन्य किसी को विभाग को सौंपना चाहिए।
डोटासरा की पत्नी ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
पीसीसी चीफ व पूर्व शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) की पत्नी सुनिता डोटासरा ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं है। हालांकि कार्यक्रम में भावुक होते हुए सुनीता डोटासरा ने कहा कि शिक्षा विभाग से मेरा पुराना नाता है। पिता और ससुर भी शिक्षक रहे। मैने भी लगभग 35 साल की सेवाएं विभाग में दी है। अब पारिवारिक कारणों की वजह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, लेकिन शिक्षा विभाग के परिवार से जुड़ाव हमेशा रहेगा।
पीसीसी चीफ व पूर्व शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) की पत्नी सुनिता डोटासरा ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं है। हालांकि कार्यक्रम में भावुक होते हुए सुनीता डोटासरा ने कहा कि शिक्षा विभाग से मेरा पुराना नाता है। पिता और ससुर भी शिक्षक रहे। मैने भी लगभग 35 साल की सेवाएं विभाग में दी है। अब पारिवारिक कारणों की वजह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, लेकिन शिक्षा विभाग के परिवार से जुड़ाव हमेशा रहेगा।