सीकर

Rajasthan: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दु:खद खबर! इस वजह से अटकी 1.68 लाख महिलाओं की पक्की नौकरी

Rajasthan News: राजस्थान में 1.68 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित होने का इंतजार है। इनकी पक्की सरकारी नौकरी विभाग के वादों में अटकी हुई है।

सीकरSep 17, 2024 / 11:40 am

Nirmal Pareek

Rajasthan News: चुनाव में आधी आबादी के विभाग की डोर संभालने वाली महिला एवं बाल विकास विभाग की 1.68 लाख से अधिक मानदेय कर्मचारियों को नियमित होने का इंतजार है। इनकी पक्की सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) विभाग के वादों में अटकी है। पिछली सरकार ने जहां संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नए कानून बनाया। वहीं भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) ने आते ही पुराने कानून को और आगे बढ़ा दिया। लेकिन इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकता, सहयोगिनी व सहायिका शामिल नहीं है।
दरअसल, इसके पीछे वजह यह है कि राज्य सरकार की ओर से अभी भी महिला एवं बाल विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों की कर्मचारियों को मानदेय कर्मी तक नहीं माना गया है। महंगाई के इस दौर में न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने की वजह से हर सरकार के समय महिलाओं की ओर से आंदोलन भी किए, लेकिन अभी इनके नियमित होने का रास्ता साफ नहीं हो सका है।
यह भी पढ़ें

राष्ट्रीय ध्वज से छेड़छाड़ का मामला: मदन दिलावर बोले- ये देश के खिलाफ साजिश; DGP को दिए ये निर्देश

चुनाव में ड्यूटी, मजदूरी भी नहीं

आंगनबाड़ी विभाग में कार्यरत आशा देवी ने बताया कि चुनाव से लेकर टीकाकरण सहित अन्य कार्य में विभाग की मानदेय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसके बाद भी महिलाओं को न्यूतनम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि हर सरकार के समय आंदोलन किए और सरकारों से आश्वासन भी मिले, लेकिन स्थायी नौकरी अभी तक नहीं मिली है।

इससे अच्छा तो तैयारी कर लेते

एमए-बीएड शिक्षित मानदेय कर्मचारी संगीता ने बताया कि विभाग में तैयारी के साथ जॉब के हिसाब से इस विभाग में कार्यग्रहण कर लिया। काम की अधिकता की वजह से तैयारी भी छूट गई। विभाग में रोजाना आठ से दस घंटे काम करने के बाद भी सरकार की ओर से नियमित नहीं किया गया है। महंगाई के दौर में मानदेय कर्मचारियों का मानदेय काफी कम है।
यह भी पढ़ें

विदेशी निवेश के लिए राजदूतों के साथ मीटिंग करेंगे CM भजनलाल, इतने लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार

नियमों में हो संशोधन

सरकार की ओर से नियमों में बदलाव के बिना महिला एवं बाल विकास विभाग की मानदेय कर्मचारियों को खुशियां नहीं मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियम में बदलाव करना होगा।

न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही- लक्ष्मी यादव

अखिल राज. महिला-बाल संयुक्त कर्मचारी संघ की प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी यादव का कहना है कि, मंहगाई के इस दौर में महिलाओं को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। हर सरकार की तरफ महिला हितों की बात की जाती है, लेकिन महिलाओं के सबसे बड़े विभाग की मानदेय कर्मचारी अब तक शोषित है। सरकार को महिला एवं बाल विकास सहित अन्य विभागों में काम करने वाली मानदेय कर्मचारियों को जल्द नियमित करना चाहिए। सरकार ने जिस तरीके से महिलाओं के लिए तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में अलग से आरक्षण दिया है। इसी तरह अन्य भर्तियों में भी अलग से महिलाओं को आरक्षण देना चाहिए।
यह भी पढ़ें

शवों को पिक-अप से पहुंचाया घर, वीडियो वायरल…टीकाराम जूली ने सरकार को सुनाई खरी-खोटी

Hindi News / Sikar / Rajasthan: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दु:खद खबर! इस वजह से अटकी 1.68 लाख महिलाओं की पक्की नौकरी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.