वहीं करौली, प्रतापगढ़ व जैसलमेर सहित कई जिलों के युवा अब भी पिछड़ रहे हैं। इस योजना में छोटी-छोटी कमियों की वजह से हर साल एक लाख से अधिक युवाओं के आवेदन निरस्त भी हो रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार ने हर साल एक लाख युवाओं को यह छात्रवृत्ति देने का ऐलान किया, लेकिन पिछले तीन साल में एक बार भी आंकड़ा एक लाख तक नहीं पहुंच सका है। इस योजना में पिछले साल 74 हजार ने यह छात्रवृत्ति ली थी।
पिछड़े यहां के युवा
- करौली 898
- टोंक 863
- स.माधोपुर 776
- प्रतापगढ़ 748
- बांसवाड़ा 575
- जैसलमेर 283
ऐसे समझें गणित
सत्र 2020-21 में कुल आवेदन: 1,06,700स्वीकृत आवेदन- 69,842
छात्रवृत्ति मिली- 61,456
(छोटी-छोटी कमियों की वजह से हर साल निरस्त हो रहे एक लाख से अधिक आवेदन)
उच्च शिक्षा के ग्राफ को बढ़ाने को लेकर यह योजना शुरू हुई थी। जो युवा आर्थिक अभावों के दम पर उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर सकते है उनको इस योजना में जरूर पंजीयन कराना चाहिए। जागरूकता के अभाव में अभी भी कई जिलों में आवेदन काफी कम आ रहे है। विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के बजट में सरकार बढ़ोतरी करे।
- इंजीनियर मनीष ढाका, सीकर
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