इस साल जनवरी से अगस्त तक 8 माह में सालासर व खाटूश्यामजी में डेढ़ करोड़ से अधिक दर्शनार्थी पहुंचे। राज्य सरकार ने बजट में खाटूश्यामजी में सुविधा विस्तार के लिए सौ करोड़ का बजट दिया है। रींगस से खाटूश्यामजी के लिए रेल प्रोजेट के लिए भी बजट को मंजूरी मिल चुकी है। 2026 तक प्रोजेट पूरा होने से भतों के साथ स्थानीय लोगों फायदा मिलेगा। उज्जैन- खाटूश्यामजी कॉरिडोर शुरू होने के बाद तो यहां विकास को पंख लगने की उम्मीद है। बुनियादी सुविधाओं, स्वच्छता, सुरक्षा, परिवहन और पर्यावरणीय संरक्षण पर फोकस हो तो यहां की तस्वीर बदल सकती है।
एयर टैक्सी सेवा
खाटूश्यामजी से सालासर रेल मार्ग की घोषणा हो चुकी है। ट्रेन चलने से भक्तों के साथ स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा। शेखावाटी के सैकड़ों प्रवासी परिवार देश-दुनिया में बसे हैं। इनकी लंबे अर्से से एयर टैसी सेवा की मांग रही है।सालासर
1990 में बनी पंचायत, अब हाईटेक सुविधाएंसालासर बालाजी धाम पहले नोरंगसर ग्राम पंचायत में शामिल था। सुविधाओं की कमी के चलते पंचायतीराज विभाग ने 1990 में सालासर धाम को ग्राम पंचायत बनाया। इसके बाद सालासर को 2013 में उप तहसील का दर्जा भी मिल गया। सालासर दरबार की वजह से आस-पास की भांगीवाद, गुडावड़ी और जूलियासर सहित कई ग्राम पंचायतों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी मजबूत हुई हैं। चूरू जिले की सालासर ग्राम पंचायत में बालाजी का मंदिर है तो इससे जुड़ी सीकर जिले की जूलियासर पंचायत में अंजनी माता का मंदिर है। अनेक लोग जूलियासर को सालासर के नाम से ही जानते हैं।
खाटूश्यामजी
ग्राम पंचायतों की किस्मत भी चमकीश्याम दरबार में कभी कारोबार की डोर खाटू तक सीमित थी। श्याम दरबार में श्रद्धा का सैलाब बढ़ता गया और कुछ वर्षों में ही करीब 16 किलोमीटर के दायरे में कदम-कदम पर होटल, धर्मशालाएं, रेस्टोरेंट सहित अन्य सुविधाएं विकसित हो गई हैं। चौमूं पुरोहितान, लांपुवा, मंढा, अलोदा, लाडपुर, गिलो की ढांणी, आभावास, अलोदा, डूकिया, लामियां आदि ग्राम पंचायतों की किस्मत भी चमक गई है। खाटूश्यामजी में भी रियल एस्टेट कारोबार को बूस्टर डोज मिल रहा है। यहां जमीनों के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई बड़ी संस्थाएं भी धर्मशालाओं का निर्माण करवा रही हैं।
प्रदेश में धार्मिक पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। धार्मिक पर्यटन की वजह से अर्थव्यवस्था बेहतर होने के साथ लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। सालासर की वजह से आस-पास की ग्राम पंचायतों ने भी कस्बों का स्वरूप ले लिया है। शेखावाटी प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का नया हब बन गया है।
- धर्मवीर पुजारी, सदस्य, हनुमान सेवा समिति, सालासर
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