ये है मामला
केंद्र सरकार सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत देश के विभिन्न बोर्ड के टॉप 20 प्रतिशत विद्यार्थियों को पांच साल में कुल 76 हजार रुपए स्कॉलरशिप देता है। इसके लिए सभी बोर्ड हर साल वर्ग व विषयवार कटऑफ जारी करने के साथ विद्यार्थियों के डेटा एनएसपी पोर्टल को उपलब्ध करवाते हैं। इसके बाद एनएसपी पोर्टल पर पात्र अभ्यर्थियों के नाम के साथ स्कॉलरशिप के लिए उनके आवेदन का विकल्प खुल जाता है। इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कटऑफ तो जारी कर दी गई, लेकिन सैंकड़ों विद्यार्थियों के पूरे डेटा उपलब्ध नहीं करवाए गए। ऐसे में प्रदेश ये विद्यार्थी पात्र होते हुए भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
अंतिम तिथि ने बढ़ाई चिंता
स्कॉलरशिप के आवेदन की अंतिम तिथि ने विद्यार्थियों की चिंता ज्यादा बढ़ा दी है। दरअसल, आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर के बाद दो बार बढ़ाते हुए मंत्रालय ने 30 नवंबर तक की थी। जो शनिवार को ही पूरी हो रही है। ऐसे में इन विद्यार्थियों को बोर्ड की लापरवाही की वजह से स्कॉलरशिप गंवाना तय लग रहा है। यह भी पढ़ें
मदन राठौड़ को धमकी का मामला: जूली बोले- ‘गुंडाराज हावी होने पर होती हैं ऐसी घटनाएं’, CM को राजस्थान की चिंता नहीं
बोर्ड व एनएसपी से किया संपर्क
आवेदन की परेशानी को लेकर पात्र विद्यार्थी बोर्ड से कई बार संपर्क कर चुके हैं। छात्रा नंदिनी तोदी ने बताया कि उसके सहित कई पात्र विद्यार्थियों ने बोर्ड को मेल करने के साथ अधिकारियों से व्यक्तिगत संपर्क किया था। लगातार संपर्क के बाद वे अब डेटा भेजने की बात कर रहे हैं। जबकि एनएमएस हेल्पलाइन ईमेल पर संपर्क करने पर वे अब भी डेटा नहीं मिलने की बात कह रहे हैं। केस: एक छात्रवृत्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं के सभी संकायों की कटऑफ इस बार 420 अंक रही थी। शहर की नंदिनी तोदी के वाणिज्य वर्ग में 437 अंक है। इसके बावजूद उसे आवेदन के पात्र नहीं बताया जा रहा है।
केस: दो शहर के संगीता कंवर के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में 437 अंक है। तय कटऑफ से ये अंक 17 ज्यादा है। इसके बावजूद वह भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पा रहा है। अंतिम तिथि नहीं बढ़ने पर चिंता बढ़ गई है।
इनका कहना है जिले के कई विद्यार्थी पात्र होने पर भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जबकि उनसे कम अंक वालोें के मैं आवेदन करवा चुका हूं।इसको लेकर बोर्ड से भी संपर्क करने पर भी समस्या हल नहीं हुई है।
मुकेश माटोलिया, ई-मित्र संचालक, सीकर
ये बोले जिमेदार
मुझे मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो विद्यार्थियों को डायरेक्टर एकेडमी के ईमेल आईडी पर मेल करना चाहिए। मैं मामले को दिखवाती हूं। निशा स्वामी, एसीपी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
यह भी पढ़ें