दुबई, चीन, ऑस्ट्रेलिया तक डिमांड
दुबई, चीन, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के सभी देशों में भारतीय सीए की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। कोरोनाकाल के बाद देश के सैकड़ों सीए दुनिया की कई नामी कंपनियों का ऑनलाइन काम देश में रहकर ही संभाल रहे है। सीए की लगातार बढ़ती मांग की वजह से सीए का शुरुआती सालाना पैकेज भी बढ़कर आठ से बीस लाख रुपए तक पहुंच गया है। वाणिज्य संकाय में पढ़ाई का रोडमैप व कॅरियर के ऑप्शन
कॉमर्स में कॅरियर के कई नए विकल्प भी खुले हैं। 12वीं कॉमर्स के बाद विद्यार्थी बीकॉम, बीबीए और बीएमएस, ग्रेजुएशन के बाद एमकॉम, एमबीए और सीए जैसे कोर्स भी कर सकते हैं। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र सीए या सीएस जैसे प्रोफेशनल कोर्स कर सकते हैं। बीकॉम के बाद अकाउंटिंग, टैक्सेशन, फाइनेंस, कंपनी लॉ, बैंकिंग, इंश्योरेंस, गुड्स अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में कॅरियर आसानी से बनाया जा सकता है। बीकॉम के साथ बीकॉम (ऑनर्स), बीकॉम इन बैंकिंग एंड इंश्योरेंस, बीकॉम इन फाइनेंशियल मार्केटिंग की डिग्री लेकर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी हासिल की जा सकती है।
राजस्थान में वाणिज्य संकाय में लगातार घट रहे छात्र
बढ़ते रोजगार के अवसरों के बाद भी राजस्थान में वाणिज्य संकाय में विद्यार्थियों का नामांकन कम हो रहा है। विद्यार्थियों के नामांकन का आंकड़ा 30 हजार को पार नहीं कर पा रहा है। जबकि 2002 से 2004 तक वाणिज्य संकाय में डेढ़ से दो लाख विद्यार्थी शामिल होते थे। भविष्य: 2047 तक चाहिए 30 लाख नए सीए
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने देश में सीए की बढ़ती मांग को देखते हुए साल में तीन बार परीक्षाओं के आयोजन का नवाचार शुरू किया है। देश में वर्ष 2047 तक 30 लाख नए सीए की आवश्यकता रहेगी। ऐसे में दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में तेजी से युवाओं का रुझान इस ओर बढ़ने भी लगा है।
राजस्थान के सीए की दुनियाभर में काफी डिमांड है। सीए के प्रोफेशन में बेटियां भी काफी संख्या में आ रही हैं। दुनियाभर में बदलते कारोबार की वजह से सीए की मांग तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि 2047 तक देश को 30 लाख नए सीए की आवश्यकता रहेगी।
सीए आशीष गुप्ता, अध्यक्ष, सीकर ब्रांच स्कूली शिक्षा में कॉमर्स में विद्यार्थियों का रुझान घटना चिंताजनक है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में वाणिज्य संकाय नहीं होने, युवाओं को कॅरियर के अवसरों के बारे में नहीं बताए जाने की वजह से यह हालात बने हैं।
सीए गौरव अग्रवाल, सीकर