ग्रामीणों का तर्क
इस मामले में रानोली सरपंच विनोद यादव , राजेन्द्र शास्त्री, समाजसेवी विजेन्द्र यादव, रतनलाल यादव, बंटी सेठी, शंकरलाल यादव, ओमप्रकाश भामू,सुरेन्द्र फु लवारिया का कहना है कि रेल विभाग ने जो अण्डरपास बनाया है उसमें गहरी खामिया है। उसमें सामान्य बारिश में ही पानी निकासी का इंतजाम न होने से यातायात बांधित होगा। बरसात के दिनों में इधर से पानी का तेज नाला भी बहता है।
ऐसी स्थिति में रानोली, शिश्यू , वैद्य की ढाणी, सांगरवा, पलासरा, बराल, हरिपुरा, गुढा, अजबपुरा, मियां की ढाणी, किशनपुरा, टोडी माधोपुरा, श्यामगढ़, सहित कई गांवो के लिए कई किलोमीटर तक वैकल्पिक मार्ग न होने से आपात स्थिति में रानोली स्टेशन पर कुछ समय तक दिन या रात भी गुजारनी पड़ सकती है। दुर्घटना एवं प्रसवकाल में पीडि़ता को अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों ने विभाग के साथ 6 दिसम्बर को हुए समझौते के अनुसार ही अण्डरपास का निर्माण करने की प्रशासन से मांग की है।
ये हुआ था समझौता
बताया जाता है कि करीब बीस गांवों के लोगों एवं रेल प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच 6 दिसम्बर को सहमति बनी थी कि रेल विभाग अण्डरपास में बारिश के पानी की रोकथाम के लिए उसे कवर्ड करेगा, रात्रि में प्रकाश की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही रेलवे ट्रेक से पैदल राही आ जा सकेंगे। जिसके लिए यातायात रोकने हेतु कम ऊंचाई के गर्डर खड़े किए जाएंगे किन्तु दीवार कदापि नही होगी। लिखित समझौते के बावजूद रेल प्रशासन ने उक्त कार्य से कदम खींच लिए। इससे लोगों में रोष छा गया।