केस 1- गांव नावलाई की कक्षा 7 की खुशी शर्मा ने कहा कि मूंग दाल के पैकेट को खोला गया तो दाल में बारीक- बारीक कंकर-पत्थर मिले है। जिन्हें छांटने पर करीब 10 प्रतिशत कंकर-पत्थर के टुकड़े निकले हंै। मिर्च मसालों की क्वालिटी भी हल्की है।
केस-2 – अभिभावक मांगीलाल जांगिड़ का कहना है कि ऐसी दाल तो मैंने अपने 70 साल की उम्र में भी नहीं देखी। इसे तो जानवर भी नहीं खाये। सरकार ने क्या बच्चों को बीमार करने के लिए ऐसी दाल भेजी है।
केस-3- कक्षा 8 की उमा जांगिड़ दाल दिखाते हुए बोली कि पेकिंग किट पर मार्का तो आइएसआइ का लगा है। परन्तु इसकी क्वालिटी लोकल से भी बेकार है। हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर व मसाले भी हल्के स्तर के है।
केस-4 –कक्षा 8 की निशा सैनी ने अपने घर की मूंग दाल दिखाते हुए कहा कि कहने को तो मूंग दाल पर इसमें कई दाले मिक्स है। दाल का रंग भी अलग है।
श्रीमाधोपुर ब्लॉक में कक्षा 1 से 8 तक वितरित राशन व मात्रा –
राशन कक्षा 1- 5 कक्षा 6- 8 वितरित राशन
चना दाल 2 किलो 3 किलो 41499 किलो
मूंग दाल 3 किलो 5 किलो 65786 किलो
सोयाबीन तेल 1 लीटर 1.5 लीटर 20749 किलो
धनिया पाउडर 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो
लाल मिर्च 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो
हल्दी 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो
नमक 2 किलो 3 किलो 41499 किलो
जीरा 200 ग्राम 300 ग्राम 4149 किलो
चिकित्सक की सलाह-
बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण की अधिक आवश्यकता होती है। यदि उन्हें दूषित दाल खिलाएंगे तो बच्चों के पेटदर्द के साथ उल्टी, दस्त की शिकायतें हो सकती है। साथ ही बच्चे कुपोषित होने के शिकार हो सकते हैं।
डाक्टर मुकेश चौधरी, पीएचसी प्रभारी मूंडरू
इनका कहना है-
विद्यार्थियों को चने व मूंग की दाल के पैकेट मिले है। अभिभावक व विद्यार्थियों ने मूंग दाल में कचरा व कंकर पत्थर मिलने की शिकायत की है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे।
रामकरण सेठी प्रधानाध्यापक,नावलाई
राशन किट आगे से ठेकेदार के जरिये आ रहे है। बिना खोले पूरा किट विद्यार्थियों को सीधा दे दिया जाता है। शिकायत मिली है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। –
मालीराम रैगर- सीबीईओ श्रीमाधोपुर ।