सीकर. पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में डिकॉय ऑपरेशन के मुख्य आरोपित चिकित्सक ने बुधवार को आत्म समर्पण कर दिया। चिकित्सा विभाग की टीम ने आरोपित चिकित्सक डा. दिव्या चौधरी को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने आरोपित चिकित्सक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
लम्बे समय से मिल रही शिकायतों के बाद पीसीपीएनडीटी राज्य टीम ने 92वां डिकॉय ऑपरेशन किया और चिकित्सक डा. दिव्या चौधरी व नीमकाथाना का दलाल महेश कुमार, दो अन्य दलाल रिंकू तथा अनिल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। उस समय अलीगढ़ से जनप्रतिनिधि व चिकित्सकों ने टीम के साथ विवाद किया और विवाद का फायदा उठाकर डा. दिव्या चौधरी मौके से फरार हो गई थी।
कार्रवाई के दौरान हो गई थी फरार नीमकाथाना कादलाल महेश कुमार, दो अन्य दलाल रिंकू तथा अनिल डॉ. दिव्या चौधरी के लिए गर्भवतियों को लेकर आते थे। क्षेत्र में पिछले तीन साल से सक्रिय दलाल भ्रूण परीक्षण के लिए गर्भवतियों से 30 हजार रुपए लेता था। जांच के लिए वह गर्भवती को अलीगढ़ के विसमपुर स्थित जीवन सुपर स्पेशिलिटी सेंटर ले जाता था। जहां डॉ. दिव्या चौधरी 15 हजार रुपए गर्भपात करवा देती थी।
सौ से अधिक जांच करवाई
टीम की जांच में सामने आया था कि भ्रूण जांच का यह गिरोह पिछले तीन साल से बेखौफ होकर काम कर रहा था। नीमकाथाना के दलाल के तार न केवल यूपी व राजस्थान बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े हुए हैं। दलाल 30 हजार में सौदा तय करता था। फिर आधे पैसे खुद रख लेता और आधे 15 हजार रुपए चिकित्सक दिव्या चौधरी को दे देता था। पिछले दिनों पूछताछ में आरोपित महेश ने माना था कि वह सौ से ज्यादा भू्रण परीक्षण करवा चुका है। अलीगढ़ में तीन वर्ष पहले वह अपनी बहन के साथ भू्रण जांच कराने गया था। तब उसका गिरोह के रिंकू और अनिल से सम्पर्क हुआ। इसके बाद उसने नीमकाथाना क्षेत्र से ग्राहकों को अलीगढ़ ले जाना शुरू कर दिया।
टीम की जांच में सामने आया था कि भ्रूण जांच का यह गिरोह पिछले तीन साल से बेखौफ होकर काम कर रहा था। नीमकाथाना के दलाल के तार न केवल यूपी व राजस्थान बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े हुए हैं। दलाल 30 हजार में सौदा तय करता था। फिर आधे पैसे खुद रख लेता और आधे 15 हजार रुपए चिकित्सक दिव्या चौधरी को दे देता था। पिछले दिनों पूछताछ में आरोपित महेश ने माना था कि वह सौ से ज्यादा भू्रण परीक्षण करवा चुका है। अलीगढ़ में तीन वर्ष पहले वह अपनी बहन के साथ भू्रण जांच कराने गया था। तब उसका गिरोह के रिंकू और अनिल से सम्पर्क हुआ। इसके बाद उसने नीमकाथाना क्षेत्र से ग्राहकों को अलीगढ़ ले जाना शुरू कर दिया।