तीर्थ स्नान और दान से लंबी होती है आयु
पं. जुगल किशोर नांगल का जोशी ने बताया पौष महीने में सूर्य को अर्घ्य देने और उनके लिए व्रत करने का भी महत्व धर्म शास्त्रों में बताया है। आदित्य पुराण के अनुसार, पौष माह के हर रविवार को तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए तथा विष्णवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही दिनभर व्रत रखना चाहिए और खाने में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। संभव हो तो सिर्फ फलाहार ही करें। रविवार को व्रत रखकर सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है। पुराणों के अनुसार पौष माह में किए गए तीर्थ स्नान और दान से उम्र लंबी होती है और बीमारियां दूर हो जाती हैं।
यह भी पढ़ें – Video : राजस्थान कैबिनेट मंत्री लिस्ट पर पीएम मोदी ने फिर चौंकाया
मकर संक्रांति का महत्व सबसे ज्यादा
पौष माह में पड़ने वाली और वर्ष की सबसे बड़ी संक्रांतियों में से मकर संक्रांति का महत्व सबसे ज्यादा होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव का यह गोचर मकर संक्रांति कहलाता है। इस पर्व को उत्तरायण भी कहते हैं। सूर्य के इस गोचर से सारे रुके हुए मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं और इसी दिन से खरमास का समापन होता है। इस बार पौष मास में पड़ने वाली मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन सोमवार को मनाई जाएगी। सूर्य उपासना के साथ ही साथ इस दिन जो लोग काले तिल का दान करते हैं उनका जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
पौष माह के दौरान मनाया जाता पौष बड़ा उत्सव
हिंदू पंचांग पौष माह के दौरान पौष बड़ा उत्सव मनाया जाता है। पौष बड़ा नाम का मतलब है पौष हिंदू पंचांग माह और बड़ा अर्थात दाल की पकोड़ी। धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष मास दान करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। पौष बडा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का ग्रहों से संबंध माना जाता है, जैसे तेल का शनि ग्रह से, मिर्च का मंगल ग्रह से, जीरा और धनिया का बुध ग्रह से, गेहूं का चंद्रमा और पृथ्वी से तथा शुक्र ग्रह से शक्कर का संबंध है। जब इन ग्रहों की ऊर्जा आदमी को मिलती है तो शीतकाल में ‘पौष’ प्राण संचारित होता है।
पौष मास 2023 के व्रत-त्योहार कैलेंडर
30 दिसंबर 2023 – अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
4 जनवरी 2024 – कालाष्टमी
7 जनवरी 2024 – सफला एकादशी व्रत
9 जनवरी 2024 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
11 जनवरी 2024 – पौष अमावस्या
14 जनवरी 2024 – लोहड़ी, विनायक चतुर्थी
15 जनवरी 2024 – मकर संक्रांति, उत्तरायण
18 जनवरी 2024 – मासिक दुर्गाष्टमी
21 जनवरी 2024 – रोहिणी व्रत, पुत्रदा एकादशी
22 जनवरी 2024 – कूर्म द्वादशी
23 जनवरी 2024 – प्रदोष व्रत
25 जनवरी 2024 – पौष पूर्णिमा व्रत।
यह भी पढ़ें – राजस्थान विधानसभा बैठक बुलाने पर मचा विवाद, शांति धारीवाल के वार पर राजेंद्र राठौड़ का पलटवार