नशा माफिया युवाओं को जाल में फंसाने के लिए होम डिलेवरी कर रहे हैं। नशे के खेल की जड़ तक पहुंचने के लिए पत्रिका टीम नशेड़ियों के जरिए इनके ठिकानों तक पहुंची। बातचीत में खुलासा हुआ कि शहर में कई ठिकाने ऐसे हैं जहां युवाओं को स्मैक इंजेक्शन दिया जा रहा है। पुलिस सब कुछ पता होने के बाद भी कार्रवाई नहीं करती है।
जब पत्रिका टीम पहुंची ठिकाने पर
पत्रिका टीम ने नशेड़ियों और सप्लायर तक पहुंचने के लिए जाल बिछाया। त्योहार में माल खत्म होने के चलते कई सप्लायर दूसरी जगह माल लेने गए थे। पत्रिका संवाददाता लगातार तीन दिन इनके ठिकानों पर पहुंचा। पहले तो टरका दिया गया मगर एक नशेड़ी युवक ने एक सप्लायर तक पहुंचाने को कहा। पत्रिका संवाददाता नशेड़ी के साथ हाउसिंग बोर्ड इलाके में एक सप्लायर के घर पहुंचा तो वहां आसानी से पुड़िया मिल गई। हालांकि सप्लायर खफा भी हुआ कि किसी अनजान को यहां क्यों लाए हो।
स्मैक सप्लायर से बातचीत
सप्लायर : यहां क्यों लेकर आए?संवाददाता : दो स्मैक की पुड़िया चाहिए।
सप्लायर : मिल जाएगी।
इसके बाद संवाददाता के साथ गए नशेड़ी युवक से सप्लायर बोला कि अनजान को क्यों लेकर आए हो। ऑनलाइन भुगतान कर देते, मैं टोकन की होम डिलिवेरी करवा देता। उसने तुरंत पुड़िया उपलब्ध करवाकर रवाना कर दिया।
संवाददाता : पुड़िया का नशा चाहिए।
नशेड़ी : शाम को आओ जो चाहो मिल जाएगा।
संवाददाता : फिर भी बताओ तो सही किधर आना पड़ेगा।
नशेड़ी : जनाना अस्पताल की तरफ आ जाना यहां सभी सप्लायर आते है और आसानी से माल मिल जाता है।
संवाददाता : एक बार अभी चलकर देखते है क्या पता माल मिल जाए।
नशेड़ी : वहां अभी कोई मिलने वाला नहीं है।
नशेड़ी : शाम को आओ जो चाहो मिल जाएगा।
संवाददाता : फिर भी बताओ तो सही किधर आना पड़ेगा।
नशेड़ी : जनाना अस्पताल की तरफ आ जाना यहां सभी सप्लायर आते है और आसानी से माल मिल जाता है।
संवाददाता : एक बार अभी चलकर देखते है क्या पता माल मिल जाए।
नशेड़ी : वहां अभी कोई मिलने वाला नहीं है।