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सीकर

अब राजस्थान में पहली से आठवीं तक कभी भी लो दाखिला

शिक्षा विभाग ने दुबारा जारी की स्कूलों में प्रवेश की नई गाइडलाइनअभिभावकों की ओर से लगातार की जा रही थी मांग

सीकरJul 08, 2021 / 12:21 am

Ajay

राजस्थान में पहली से आठवीं तक कभी भी ले सकेंगे प्रवेश, नौवीं से बारहवीं तक 31 जुलाई तक होंगे दाखिले

राजस्थान में पहली से आठवीं तक कभी भी ले सकेंगे प्रवेश, नौवीं से बारहवीं तक 31 जुलाई तक होंगे दाखिले

सीकर.
प्रदेश के दस लाख से अधिक स्कूलों विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। अब कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थी आसानी से प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। अभिभावकों की लगातार मांग उठने पर शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्रवेश की नई गाइडलाइन जारी की है। खास बात यह है कि इस साल कक्षा एक से आठवीं क्लास में कोई भी विद्यार्थी सालभर में कभी भी किसी भी स्कूल में प्रवेश ले सकेगा। जबकि कक्षा नवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को 31 जुलाई तक प्रवेश लेना होगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र सात जून से शुरू हो चुका है। ऐसे में लगातार दाखिले की प्रक्रिया जारी थी। प्रदेश के ज्यादातर शिक्षकों की ओर से अपने-अपने क्षेत्र का सर्वे भी 20 जून तक पूरा किया जा चुका था। लेकिन विभाग ने ड्रॉप आऊट विद्यार्थियों के शत प्रतिशत नामांकन को देखते हुए प्रवेश तिथि नए सिरे से जारी की है। शिक्षा विभाग का दावा है कि पिछले दो सत्रों में 180 से अधिक ब्लॉकों में सर्वाधिक नामांकन बढ़ा है।
इसलिए बढ़ाई प्रवेश तिथि
शिक्षा विभाग का मानना है कि कोरोना की वजह से सैकड़ों परिवार एक शहर से दूसरे शहर में गए है। ऐसे में कई विद्यार्थी लॉकडाउन की वजह से दूसरे शहरों से टीसी नहीं लेकर आ सके है। कुछ परिवार ऐसे है जो लॉकडाउन में ढ़ील मिलने के बाद वापस शहरों में जा रहे हैं। ऐसे में विभाग ने प्रवेश तिथि बढ़ाने का फैसला लिया है।
इधर, अब अधिकारियों को हर सप्ताह करना होगा निरीक्षण
शिक्षा विभाग की ओर से आओ घर से सीखे, बैक टू स्कूल, शिक्षा दर्शन, शिक्षा वाणी व मिशन समर्थ आदि अभियानों के जरिए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। अभियान के तहत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त परियोजना समन्वयक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सहायक परियोजना समन्वयक को हर महीने चार से 16 स्कूलों का निरीक्षण करना अनिवार्य है। खास बात यह है कि अधिकारियों को हर स्कूल के निरीक्षण की रिपोर्ट ऑनलाइन भी दर्ज करनी होगी।
भामाशाहों को भी जोडऩे की पहल
शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे विद्यार्थियों को भी चिन्हित किया जाएगा जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कोई संसाधन नहीं है। ऐसे विद्यार्थियों को संसाधन मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की से स्थानीय भामाशाहों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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