सीकर. सीकर कृषि उपज मंडी में रबी की नई फसलें आने लगी है। नई फसल में जौ, सरसों काली, सरसों पीली की करीब एक हजार बोरियां रोजाना आ रही है। फसलों की आवक शुरू होने के साथ ही भावों में गिरावट शुरू हो गई है। जौ के भावों में सौ रुपए प्रति क्विंटल से अधिक की गिरावट आ गई है। सरसों काली में 100 प्रति क्विंटल का गिरावट आई है। मंडी में एक माह के दौरान चना व ग्वार के भावों में करीब 400 रुपए की गिरावट आई है। मंडी में इस समय ग्वार, मैथी व चना की आवक हो रही है। हालांकि इस समय फिलहाल नई फसलों की आवक कम है, लेकिन जल्द ही फसलों की आवक कई गुना बढ़ जाएगी। व्यापारियों ने बताया कि सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने से रबी की फसलों में कुछ सुधार आएगा। यह रहे भावसीकर कृषि उपज मंडी के थोक व्यापारी महावीर भास्कर व महावीर जैन लालास वाले ने बताया कि पिछले एक पखवाडे में नए जौ के भावों में गिरावट आई है। जौ में सौ रुपए की गिरावट आई है। चने के भावों 150 रुपए की गिरावट आई है। सरसों के भाव स्थिर ही है। मंडी में सरसों काली 3300 से 3600 और पीली सरसों 3900 रुपए ही है। जौ 1255 से 1280 तक बोले गए। स्टांप ड्यूटी बढ़ाने के बावजूद सरसों व चना के भावों में तेजी नहीं आई है। मंडी में सरसों काली 3450-3700 व चना 3650 रुपए के भाव प्रति क्विंटल रहे। जबकि चने के भाव एक पखवाडे 3800 सोमवार तक मंडी में नई फसलों की आवक बढ़ जाएगी।गांवों में सक्रिय हुए दलालरबी की फसलों की आवक शुरू होने के साथ ही खेतों से अनाज की सीधी खरीद होने लगी है। सीधी खरीद शुरू होने के कारण मंडी में फसलों की कम आवक हो रही है। गांवों या कस्बों में व्यापारियों ने अनाज की खरीद के लिए अस्थाई गोदाम भी बनाए हैं। सीकर जिले में लोसल, खूड, सांगलिया, धोद, पलसाना, दांतारामगढ़ में कई दुकानों पर अनाज की खरीद ने जोर पकड़ लिया है। ये व्यापारी किसानों के खेतों में जाकर अनाज के लिए बारदाना भी उपलब्ध करवाते हैं। साथ ही व्यापारियों ने गांवों में कई किसानों को खरीद के लिए एजेंट भी बनाने शुरू कर दिए हैं। इनमें अधिकतर एजेंट खेत में जुताई करने वाले ट्रेक्टरों के चालक हैं। ये खरीद के बाद अनाज को सीधे दूसरे राज्यों की मंडियों में ले जा रहे हैं।