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राजस्थान से ज्यादा पड़ोसी राज्य में मिल रही बुजुर्गों को पेंशन राशि, हरियाणा में 3000 और दिल्ली में 2500 हजार

Old Age Pension Scheme: बुजुर्ग पेंशन योजना का लाभ लेने वाले ज्यादातर बुजुर्ग गरीब है। जिनके जीवन यापन के लिहाज से 1150 रुपए की पेंशन राशि बहुत कम है।

सीकरOct 15, 2024 / 02:43 pm

Akshita Deora

सचिन माथुर
राजस्थान के मुकाबले पड़ौसी चार राज्यों की सरकारें बुजुर्गों का ज्यादा ख्याल रख रही है। ये सरकारें बुजुर्गों को डेढ से लेकर तीन हजार रुपए तक वृद्धावस्था पेंशन दे रही है। जबकि प्रदेश में इस साल पेंशन राशि बढ़ाने के बाद भी 1150 रुपए ही बुजुर्ग पेंशन दी जा रही है। जो बीमार व बेसहारा बुजुर्गों के लिए उंट के मुंह में जीरे के समान है।

न्यूनतम चार हजार रुपए हो पेंशन


बुजुर्ग पेंशन योजना का लाभ लेने वाले ज्यादातर बुजुर्ग गरीब है। जिनके जीवन यापन के लिहाज से 1150 रुपए की पेंशन राशि बहुत कम है। सरकार को ये राशि कम से कम चार हजार रुपए मासिक करनी चाहिए। ताकि हर बुुजुर्ग के भोजन व दवाओं की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
शैतान सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर।
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हरियाणा में 3 हजार रुपए पेंशन, 6 हजार की घोषणा


पड़ौसी राज्यों में बुजुर्गों को सबसे ज्यादा पेंशन हरियाणा में मिल रही है। जहां इसी साल एक जनवरी से पेंशन राशि 2750 रुपए से बढ़ाकर तीन हजार रुपए मासिक कर दी गई है। चुनावी घोषणाओं के अनुसार नई सरकार इसमें और इजाफा कर सकती है।

इन नजदीकी राज्यों में भी ज्यादा


राजस्थान से सटे दिल्ली, पंजाब व उत्तराखंड राज्यों में भी बुजुर्ग पेंशन प्रदेश के मुकाबले ज्यादा है। दिल्ली में 60 से 69 वर्ष के आयु वाले व्यक्तियों को दो हजार तथा 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 2500 रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है। इसी तरह पंजाब व उत्तराखंड में न्यूनतम 1500 रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है। केवल राजस्थान सरकार ही बुजुर्गों से पेंशन के मामले में भेदभाव कर रही है। लोगों ने पेंशन बढ़ाने की मांग की है।
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दवाएं भी नहीं खरीद पा रहे बुजुर्ग


राजस्थान में मिल रही पेंशन बुजुर्गों के लिए नाकाफी साबित हो रही है। प्रदेश के बहुत से बुजुर्गों का जीवन यापन तो दूर उनकी दवाएं ही इस पेंशन राशि में नहीं आ पा रही। ऐसे में वे प्रदेश में भी पेंशन राशि कम से कम तीन हजार करने की मांग कर रहे हैं।
केस 1:- सीकर निवासी 68 वर्षीय मुनेश बाला बीपी, साइटिका व माइग्रेन की बीमारी से पीड़ित है। बीमारी पर हर महीने दो से ढाई हजार रुपए खर्च होते हैं। जो पेंशन राशि से भी दो गुना ज्यादा है।
केस 2:- शाहपुरा निवासी बिड़दी चंद हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित है। दवाओं पर हर महीने तीन से चार हजार रुपए खर्च होते हैं। पेंशन राशि के अलावा उपचार के लिए मजदूर बेटे या जन सहयोग की राह तकनी पड़ रही है।

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