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NEET टॉपर नलिन बोले : WhatsApp की लत न लगे इसलिए कीपैड वाला फोन रखा, Study को एंजाय करता और मस्त नींद लेता

सीकर के नलिन खंडेलवाल ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) 2019 में ऑल इंडिया टॉप कर शिक्षानगरी का मान बढ़ाया है।

सीकरJun 06, 2019 / 06:30 pm

Vinod Chauhan

NEET टॉपर नलिन बोले : WhatsApp की लत न लगे इसलिए कीपैड वाला फोन रखा, Study को एंजाय करता और मस्त नींद लेता

सीकर.

Sikar के नलिन खंडेलवाल ( NEET topper Nalin Khandelwal ) ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) 2019 में ऑल इंडिया टॉप ( AIR 1 ) कर शिक्षानगरी का मान बढ़ाया है। नलिन ने पहले ही अटैम्प्ट में ये सफलता हासिल की है। नीट में पहली बार टॉप-10 में सीकर से कोई रैंक आई है। NTA ने बुधवार को नीट (यूजी) का रिजल्ट डिक्लेयर किया। नलिन की मेहनत ने पूरे देश में शिक्षानगरी का डंका बजा दिया है। परिणाम जारी होते ही समूची शिक्षा नगरी में खुशी की लहर दौड़ गई। नलिन ने कक्षा ग्यारवीं व बारहवीं की पढ़ाई पालवास रोड स्थित प्रिंस एकेडमी से की है। जबकि कोचिंग की तैयारी एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट से की है।


दो साल से कोई फैमिली फंक्शन अटेंड नहीं किया
सत्रह वर्षीय नलिन खंडेलवाल ने पहले ही अटैम्प्ट में ऑल इंडिया टॉप किया है। अपना सक्सेस सीक्रेट शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी बुक्स ( NCERT ) और टीचर्स के गाइडेंस से ही मैंने सफलता पाई है। मैंने हर टॉपिक को बार-बार पढ़ा और मल्टीपल रीडिंग के चलते ही मैंने फस्र्ट रैंक हासिल की है। 12वीं क्लास की पढ़ाई के साथ 11वीं का कोर्स यादा रखना मुश्किल होता है, इसलिए मैं डेली 11वीं और 12वीं का सिलेबस पढ़ा करता था। नलिन के माता-पिता दोनों ही सीकर में डॉक्टर है। नलिन के अनुसार, मेरा मानना है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया आपको लक्ष्य से दूर करता है। मैं खुद कीपैड वाला फोन का यूज करता हूं और वो भी टूटा हुआ है।


बड़े भाई का रहा है सक्सेज रोल
मेरी सक्सेस में बड़े भाई निहित का भी बड़ा रोल है। जोधपुर से एमबीबीएस कर रहे भैया हमेशा मुझे गाइड करते रहते हैं। अगर आपको सक्सेस पानी है, तो मेहनत करने के साथ उसकी कीमत भी चुकानी होगी। मैंने दो साल से कोई फैमिली फंक्शन अटेंड नहीं किया है। पहली प्रायोरिटी एम्स दिल्ली है, अगर वहां सलेक्शन नहीं होता है, तो मौलाना आजाद से एमबीबीएस करना है।


माता: डॉ. वनिता खंडेलवाल (गायनेकोलॉजिस्ट) ( Dr. Vanitha Khandelwal )
पिता: डॉ. राकेश खंडेलवाल (पीडियाट्रिशियन) ( Dr. Rakesh Khandelwal )


जब तक टारगेट पूरा नहीं होता, सोता नहीं

राजस्थान पत्रिका से खास बातचीत में नलिन ने बताया कि पेपर देने से पहले उसे सिर्फ सलेक्शन होने की और पेपर देने के बाद टॉप 10 में आने की उम्मीद थी। जब टॉप करने का पता चला तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ। नलिन ने बताया कि उसने पढ़ाई को हमेशा एंजॉय किया है। ऐसा नहीं कि दिमाग थक जाए फिर भी पढ़ाई करता रहूं। रात में कितनी भी बजे तक पढता था लेकिन, सात घंटे नींद जरूर लेता था। जब तक रोज का टारगेट पूरा नहीं हो जाता, मैं सोता नहीं था। एवरेज 8 घंटे तक पढ़ाई करता था। नीट क्रेक करने के लिए मैंने स्ट्रेटेजी बनाई थी। एनसीईआरटी सिलेबस पर पूरा फोकस किया था। एक ही टॉपिक की मल्टीपल रीडिंग की और नोटृस का रिवीजन रोजाना किया।


फैक्ट फाइल
इस परीक्षा में देशभर से करीब 15,19,375 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था।
परीक्षा में 14 लाख 10 हजार 755 विद्यार्थी शामिल हुए।
छात्र: 6,30,283
छात्राए: 7,80,467
एनटीए की तरफ से 30 मई को आंसर की जारी हुई थी।
नीट के रिजल्ट का रेकार्ड परिणाम जारी होने के 60 दिन तक उपलब्ध रहेगा।
नीट की परीक्षा 11 भाषाओं में आयोजित हुई थी।
पिछले साल 4 जून को आया था नीट का परिणाम
इस साल देश के 154 से अधिक शहरों में हुआ था परीक्षा का आयोजन
जनरल के लिए 134, ओबीसी 107, एससी/एसटी 107, सामान्य दिव्यांग 120 तथा ओबीसी,एससी,एसटी के दिव्यांग के लिए कटऑफ पर्सेन्टाइल 107 निर्धारित की गई।

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