केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले डेढ़ साल में इस 20 जुलाई 2018 तक प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से काफी नुकसान हुआ। इस दौरान प्रदेश में 118 लोगों की जान प्राकृतिक आपदाओं में चली गई। जबकि 60037 घर तबाह हो गए। इन आपदाओं में 6186 मवेशियों की मौत हो गई। सरकार की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तिय वर्ष 2017- 18 में प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में 80 लोगों की मौत हुई थी।
इस दौरान 5705 पशु मारे गए और 57989 मकान तबाह हो गए। इन आपदाओं में फसलों को भी भारी नुकसान हुआ और करीब 7.34 लाख हैक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई। वित्तिय वर्ष 2018-19 की बात करें तो 20 जुलाई 2018 तक प्रदेश में 38 लोगों की मौत हुई। इस दौरान 481 पशु मारे गए और 2048 मकान तबाह हो गए। इस दौरान होने वाले फसलों के नुकसान का अभी तक सरकार ने आंकलन नहीं करवाया है।
राजस्थान में फसलें ज्यादा हुई तबाह
पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं में फसलें तबाह होने के मामले में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। सबसे ज्यादा फसलें बिहार में तबाह हुई थी। बिहार में जहां 8.10 लाख हैक्टेयर की फसलें तबाह हुई वहीं राजस्थान में 7.34 लाख हैक्टेयर में।
बिहार व गुजरात में सबसे ज्यादा मौतें
देशभर की बात की जाए तो प्राकृतिक आपदाओं में मौत के मामले में बिहार पहले व गुजरात दूसरे नंबर पर है। बिहार में पिछले साल जहां 649 लोगों की मौत हुई वहीं गुजरात में 229 लोगों की। बंगाल में भी 197 लोग आपदाओं में मारे गए। इस साल में उत्तर प्रदेश व कर्नाटक में सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। उत्तर प्रदेश में 316 व कर्नाटक में 211 लोग आपदाओं में मारे जा चुके हैं।
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