स्टेशन अधीक्षक सूरजमल सैनी, स्टेशन मास्टर राजकुमार की सूझबूझ से नवीन नांगलिया की दुकान से बोल्ट लाकर रिसते तेल को बंद किया गया। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। 50 डिब्बों की ट्रेन में एक 70000 लीटर क्षमता वाले बीटीपीएन टैंक से तेल रिस रहा था। उसमें नेफ्था फ्यूल बताया जा रहा था। अगर तेल आग पकड़ लेती तो आसपास के क्षेत्र सहित अधिकतर श्रीमाधोपुर का भाग इसकी चपेट में आकर नष्ट हो सकता था।
सूचना पर नगर पालिका श्रीमाधोपुर की फायर ब्रिगेड भी मौके पर तैनात रही। 3 घंटे बाद रेल को रवाना किया गया। इस बीच पूरे रेल स्टेशन की लाइट बंद करवा दी गई। मदर से रेवाड़ी की ओर जाने वाली रेल भी 1 घंटे 25 मिनट देरी से आ सकी।