scriptतालमेल में अटकी प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की निगरानी | Monitoring of medical college and district hospital of the state stuck | Patrika News
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तालमेल में अटकी प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की निगरानी

प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को परामर्श व जांच में परेशानी से बचाने की योजना कागजों में ही चल रही है। हाल यह है कि केन्द्र सरकार की ओर से अधिकांश मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए लेकिन इन कैमरों और बायोमेट्रिक मशीन की कंट्रोल रूम से कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है।

सीकरJun 20, 2023 / 12:14 am

Puran

तालमेल में अटकी प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की निगरानी

तालमेल में अटकी प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की निगरानी

प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को परामर्श व जांच में परेशानी से बचाने की योजना कागजों में ही चल रही है। हाल यह है कि केन्द्र सरकार की ओर से अधिकांश मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए लेकिन इन कैमरों और बायोमेट्रिक मशीन की कंट्रोल रूम से कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है। जिसका नतीजा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में कमांड सेंटर बनाने का दावा बेमानी साबित हो रहा है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए शिक्षक चिकित्सक और जिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर इंतजार करते मरीज और जांच लैब में सैम्पल देने के लिए लगी कतारें बरकरार है।
इस कारण कवायद

सीकर मेडिकल कॉलेज और कल्याण अस्पताल में करीब चार माह पहले चिन्हित स्थानों पर उच्च गुणवत्ता वाले नए कैमरे तो लगा दिए गए। वहीं उपिस्थति के नई मशीन भी लगा दी लेकिन कंट्रोल रूम से कनेक्ट नहीं हो सके हैं। जबकि इन कैमरों व मशीनों के जरिए चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ और लेबोरट्री स्टॉफ का पूरा रेकार्ड राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के पास जाना था। इससे अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी देते समय स्टॉफ और चिकित्सक मनमर्जी नहीं करे सकें और मरीजों को परेशानी नहीं हो। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले भावी चिकित्सकों की पढ़ाई को लेकर कई सरकारी चिकित्सक उपेक्षा करते हैं। जिसके कारण मरीजों को उपचार, जांच के लिए परेशानी से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा कई मेडिकल कॉलेज में एमएनसी के निरीक्षण से पहले एक-दूसरे मेडिकल कॉलेज से फेकल्टी को बुलाकर संख्या पूरी दिखा दी जाती है लेकिन निरीक्षण के बाद इन जगहों पर दी जानी सुविधाओं की कटौती कर ली जाती है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने सीसीटीवी कैमरे तथा सभी चिकित्सक व स्टॉफ की आधार कार्ड के जरिए बायो मैट्रिक मशीन से हाजिरी करने के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना है

मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का मुख्यद्वार, मरीज का पंजीयन काउंटर, मेडिसिन, सर्जरी, गाइनोकॉलोजी, हड्डी रोग, ईएनटी, साइकेट्री सहित सभी ओपीडी इमरजेंसी और केज्यूअलटी वार्ड में 25 उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगा दिए गए हैं। जिनकी कनेक्टिविटी संबंधित एजेंसी की ओर से की जाएगी। कनेक्टिविटी शुरू होते ही उच्चाधिकारी कॉलेज व अस्पताल पर नजर रख सकेंगे।
डॉ. शिवरतन कोचर, प्रिंसीपल मेडिकल कॉलेज सीकर

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