वहीं वाटिका में लगाए गए पौधों की सिंचाई की जा सकेगी। इसके लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही पर्यटकों को ये सौगात मिल जाएगी। इससे पर्यटकों का रुझान बढ़ेगा। फिलहाल लव कुश वाटिका में टैंकरों के जरिए सिंचाई की जाती है। पहाड़ी पर होने के कारण पर्याप्त मात्रा में पौधों को पानी नहीं मिल पाता है। इससे पौधारोपण का काम भी प्रभावित हो रहा है। गौरतलब है कि 2022-23 में प्रदेश में लवकुश वाटिका बनाने की घोषणा की गई थी।
पर्यटकों को हर्ष पर्वत की तलहटी का सौंन्दर्य देखने को मिलेगा
लव-कुश वाटिका के लिए हर्ष-आंतरी रोड पर जगह चिन्हित की गई थी। यह पहले चरण में हुए निर्माण के दौरान लवकुश वाटिका का मुख्य गेट, चारदीवारी, झौंपे व कुछ व्यू प्वाइंट बनाए गए थे। इसके बाद बजट नहीं आने व देखरेख के अभाव में वाटिका में होने वाले हैरिटेज लुक के काम प्रभावित हो गए। अब बजट मिलने से लवकुश वाटिका में एक टावर, वाकिंग ट्रेक को सुधारने, सुरक्षाकर्मी के लिए चौकी व पौधरोपण कार्य करवाया जाएगा। इससे लव-कुश वाटिका में आने वाले पर्यटकों को बेहतर और सुकून भरा वातावरण मिल सकेगा। साथ ही हर्ष पर्वत की तलहटी का सौंन्दर्य देखने को मिलेगा।
विकास कार्य के लिए मिला बजट
सीकर जिला वन अधिकारी, रामावतार दूधवाल ने बताया कि लवकुश वाटिका के सौंदर्यीकरण के लिए प्रदेश स्तर से 80 लाख रुपए का बजट मिला है। जल्दी ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके जरिए वाटिका को हैरिटेज लुक देकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे वाटिका का रुप निखरेगा तथा पर्यटकों को सुविधाएं भी मिलेंगी।