पटवार संघ के बैनर तले कर्मचारी दांतारामगढ़ एसडीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने मंदिर कमेटी के खिलाफ नारेबाजी की गई है। कर्मचारियों ने कहा कि यदि निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो 17 अगस्त से संपूर्ण दांतारामगढ़ के अधिकारी कर्मचारी संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस अवसर पर नायब तहसीलदार प्रेमचंद ,पटवार मंडल के जिला अध्यक्ष रामपाल सिंह ,मंत्रालय कर्मचारी के ब्लॉक अध्यक्ष भागचंद काजला, शिक्षक संघ शेखावत उपशाखा दांतारामगढ़ के के बसंत शर्मा, राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर आदि सहित मंत्रालय कर्मचारी, पटवार तथा पंचायती कर्मचारी उपस्थित थे।
पड़ताल में सामने आई बड़ी लापरवाही
इधर, पत्रिका ने तीन भक्तों की मौत के मामले में पड़ताल की तो लापरवाही सामने आई। पिछले दो मेलों से लगातार अव्यवस्था होने पर स्थानीय प्रशासन ने मंदिर कमेटी को व्यवस्था में बदलावों के संबंध में पत्र लिखा था। पत्र में बताया था कि रविवार व एकादशी की वजह से दो दिन भक्तों की संख्या अधिक रहने की संभावना है। ऐसे में मंदिर के पट 24 घंटे खोले जाने चाहिए। लेकिन मंदिर कमेटी ने एसडीएम के पत्र को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।इसके अलावा कर्मचारी मंदिर कमेटी ने रात को पट बंद किए जाने की सूचना भी प्रशासनिक अधिकारियों को देना उचित नहीं समझा। इस वजह से भीड़ लगातार बढ़ती गई। सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुले तो अचानक दबाव बनने से भगदड़ जैसे हालात बने।
कृषि मंत्री से विभिन्न संगठन बोले, मंदिर कमेटी को सरकार करें भंग
पिछले तीन दिनों में मंदिर कमेटी सदस्यों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा 30 से अधिक संगठनों ने मंदिर कमेटी के खिलाफ ज्ञापन दिए है। रालोपा, बसपा, माकपा व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में सबसे बड़ी चूकी मंदिर कमेटी की रही है। लेेकिन सरकार ने अब तक कमेटी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इधर, सीकर में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के दौरे के दौरान कई संगठनों ने मंदिर कमेटी के खिलाफ ज्ञापन दिए। रालोपा कार्यकर्ताओं ने कृषि मंत्री कटारिया से कहा कि मंदिर कमेटी को सरकार भंग करें तो सभी व्यवस्था ठीक होगी। वहीं मंदिर कमेटी सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जल्द कार्रवाई कराने की भी मांग की है।
अब श्याम दर पर हर भक्त वीआईपी
खाटूश्यामजी. हादसे के बाद चेती सरकार की ओर से मंदिर में दर्शनों को लेकर पट बंद करने के निर्णय को अब बदला गया है। बदलाव के बाद अब खाटू नगरी आने वाले भक्तों को अपने श्याम के दीदार आसानी से हो रहे हैं। इसका सुखद पहलु ये भी है कि अब अनियंत्रित भीड़ की संभावना नहीं के बराबर नजर आ रही है। श्याम दरस की चाह दिन रात पूरे होने के चलते देश के कई कोनों से आने वाले श्याम भक्त खुश हैं।