गुजरात में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी संवार चुकी आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी ने महिलाओं के सामने एक और उदाहरण पेश किया है। उदाहरण ये है कि महिलाओं को अपने ‘मुश्किल दिनों’ में हौसला बनाए रखना चाहिए। इन दिनों में भी महिलाएं सामान्य दिनों की तरफ कोई भी कामयाबी हासिल कर सकती हैं।
वर्ष 2011 बैच की गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के गांव बुडानिया की रहने वाली हैं। वर्तमान में ये गुजरात के बड़ौदरा में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले बोटाद जिले में एसपी भी रह चुकी हैं।
दरअसल, बड़ौदरा शहर में रविवार को इंटरनेशनल मैराथन आयोजित की गई। मुश्किल दिनों (पीरियड्स) में अक्सर महिलाएं खेल गतिविधियों से दूरी बना लेती हैं, मगर आईपीएस सरोज कुमारी ने ऐसा नहीं किया। सरोज कुमारी ने महिलाओं को एक संदेश देने के मकसद से न केवल बड़ौदरा इंटरनेशनल मैराथन में हिस्सा लिया बल्कि 2 घंटे 15 मिनट में 21 किलोमीटर की दौड़ भी पूरी की।
बड़ौदरा मैराथन दौड़ के बाद गुजरात में अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन के साथ-साथ आईपीएस सरोज कुमारी द्वारा यह कदम उठाए जाने की भी चर्चा है। दोनों ही काम महिलाओं को मुुश्किल दिनों (माहवारी) व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने वाले हैं।
कुछ भी मुश्किल नहीं दौड़ पूरी करने के बाद आईपीएस सरोज कुमारी ने बताया कि ‘मुश्किल दिन’ होने के बावजूद वे दौड़ में इसलिए शामिल हुईं ताकि महिलाओं में यह संदेश दिया जा सके हैं कि किसी भी काम को करने के लिए हम अगर शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से भी तैयार हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं।
बोटाद में शुरू की थी उज्ज्वला योजना
वर्ष 2016 में सरोज कुमारी गुजरात के बोटाद जिले में एसपी थीं। इस दौरानी इनकी जानकारी में आया था कि गधड़ा तहसील के एक गांव में महिलाएं जिस्मफरोशी के दलदल में फंसी हुई है। उनका जीवन संवारने के लिए बोटाद पुलिस ने उज्ज्वला योजना शुरू की, जिसके तहत ऐसी महिलाओं की पहचान कर उनकी काउंसलिंग की गई और उन्हें जिस्मफरोशी से छुटकारा दिलवाकर स्व रोजगार से जोड़ा गया।