सीकर के किसानों ने प्रीमियम दिया 14.45 करोड़ रुपए, मुआवजा मिला महज 27 लाखबीमा कंपनी की मनमानी, सीकर की बजाए नागौर और चूरू में क्लेमकरोड़ों में जारी हिस्से का क्लेमसीकर में शिकायतों का नहीं होता निवारण
सीकर•Apr 30, 2021 / 05:22 pm•
Suresh
कोरोना के साथ किसानों पर बीमा कंपनी की मार
सीकर. कोरोनाकाल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे लाखों किसानों को इस साल बीमा कंपनी की मनमर्जी का दंश भुगतान पड़ रहा है। इसकी बानगी है कि सीकर जिले में खरीफ 2020 में दो लाख 99 हजार किसानो ने फसल बीमा करवाया जिसकी एवज में बीमा कपंनी ने किसानों से 14 करोड़ 45 लाख रुपए का प्रीमियम लिया लेकिन क्लेम के रूप में जिले के किसानों को महज 27 लाख रुपए ही जारी हुए हैं। यह आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार है। आंकड़ों के अनुसार जिले में नुकसान होने पर 2215 किसानों ने बीमा कंपनी में शिकायत दर्ज करवाई। जबकि बीमा कपंनी और कृषि विभाग ने महज 627 किसानों की शिकायतों का निपटारा किया गया। बाकी एक साल से 1,588 किसानों की शिकायत पेंडिंग चल रही है। ऐसे में महज 27 लाख रुपए क्लेम जारी हो सका है। जो कि जिले के किसानों की संख्या को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। गौरतलब है कि खरीफ 2020 में किसान, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार ने बीमा कंपनी को 101 करोड़ रुपए के प्रीमियम का भुगतान किया है।
यह है कारण
पिछले बरसों का ट्रेंड देखें तो हर साल बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि के समय बीमा कपंनी सर्वे करने और ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाने का दावा करती है लेकिन जब क्लेम की बारी आती है तो बीमा कपंनी किसानों के वाजिब क्लेम ही रिजेक्ट कर देती है।
जिनमें किसान का नुकसान कम बताकर या समय पर शिकायत दर्ज नहीं करवाने का हवाला दिया जाता है। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले में हर साल बीमा कपंनी को बदल दिया जाता है। लेकिन एचडीएफसी एर्गो बीमा कम्पनी पिछले कई वर्षो से सीकर जिले मे बीमा का कार्य कर रही है।
आंकड़ें एक नजर (खरीफ 2020)
सीकर
बीमित किसान: 2 लाख 63 हजार 316 रुपए
किसान का प्रीमियम: 14 करोड़ 45 लाख 10 हजार 121 रुपए
क्लेम जारी: 27 लाख तीन हजार 152 रुपए
क्लेम मिलने वाले वाले किसानों की संख्या: 627
नागौर
बीमित किसान: 3 लाख 99 हजार
प्रिीमियम : 29.15 करोड़
क्लेम जारी : 70.28 करोड़ रुपए
चूरू
बीमित किसान: 3 लाख 10 हज़ार
प्रीमियम: 23 करोड़ 15 लाख
क्लेम जारी – 226.67 करोड़
बीमा कंपनी जारी करती है क्लेम
हर जिले में क्लेम का निर्धारण बीमा कपंनी और कृषि विभाग करता है। बैंक की भूमिका केवल खराबे की सूचना और ऋणी किसानों के प्रीमियम की राशि को बीमा कंपनी तक भेजने की रहती है। खराबे की स्थिति मे सर्वे करना व क्लेम जारी करने का काम संबंधित बीमा कंपनी का काम होता है। – सुधेश पूनिया, कृषि प्रबंधक
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