यहां उद्घाटन में अटका, उधर रींगस में हुआ शुरू
जानकारी के अनुसार कोच इंडिकेशन बोर्ड का उद्घाटन रेलवे स्टेशन के सैकंड एंट्री गेट के साथ लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से करना था। पर काम पूरा नहीं होने व चुनावी आचार संहिता की वजह से इसका उद्घाटन अटक गया। तब से इंडिकेशन बोर्ड शुरू होने का इंतजार व यात्रियों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि डीआरएम द्वारा ही उद्घाटन करने की वजह से रींगस में ये बोर्ड सीकर स्टेशन के बाद लगने पर भी काम करना शुरू हो गए।
जानकारी के अनुसार कोच इंडिकेशन बोर्ड का उद्घाटन रेलवे स्टेशन के सैकंड एंट्री गेट के साथ लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से करना था। पर काम पूरा नहीं होने व चुनावी आचार संहिता की वजह से इसका उद्घाटन अटक गया। तब से इंडिकेशन बोर्ड शुरू होने का इंतजार व यात्रियों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि डीआरएम द्वारा ही उद्घाटन करने की वजह से रींगस में ये बोर्ड सीकर स्टेशन के बाद लगने पर भी काम करना शुरू हो गए।
केवल तीन संदेश
सीकर जंक्शन पर कोच इंडिकेशन बोर्ड प्लेटफार्म नबर एक, दो व तीन पर लगाए गए हैं। 22 कोच के स्टेशन के हिसाब से यहां करीब 66 इंडिकेशन बोर्ड लगाए गए हैं। जो अभी सिर्फ तीन संदेश प्रसारित हो रहे हैं। सीकर जंक्शन, प्लेटफार्म नबर और एनडब्ल्यूआर यानी उत्तर पश्चिम रेलवे ही इन पर प्रदर्शित हो रहे हैं।
सीकर जंक्शन पर कोच इंडिकेशन बोर्ड प्लेटफार्म नबर एक, दो व तीन पर लगाए गए हैं। 22 कोच के स्टेशन के हिसाब से यहां करीब 66 इंडिकेशन बोर्ड लगाए गए हैं। जो अभी सिर्फ तीन संदेश प्रसारित हो रहे हैं। सीकर जंक्शन, प्लेटफार्म नबर और एनडब्ल्यूआर यानी उत्तर पश्चिम रेलवे ही इन पर प्रदर्शित हो रहे हैं।
बुजुर्गो को परेशानी कोच इंडिकेशन बोर्ड नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों, महिलाओं व बुजुर्ग यात्रियों को होती है। ट्रेन के आने के बाद जब उन्हें कोच दूर मिलता है तो उसे भागकर पकडऩा उनके लिए ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
क्या है इंडिकेशन बोर्ड
रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर गाड़ी के डिब्बों की स्थिति को दर्शाने के लिए कोच इंडिकेशन बोर्ड लगाए जाते हैं। जैसे ही कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन पहुंचती है तो उससे पहले ही वे बोड्र्स रेल के कोच की लोकेशन दिखाने लगते हैं। इससे यात्री ट्रेन रुकने से पहले ही अपने कोच तक पहुंच ट्रेन रुकते ही उसमें आसानी से बैठ सकते हैं।
रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर गाड़ी के डिब्बों की स्थिति को दर्शाने के लिए कोच इंडिकेशन बोर्ड लगाए जाते हैं। जैसे ही कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन पहुंचती है तो उससे पहले ही वे बोड्र्स रेल के कोच की लोकेशन दिखाने लगते हैं। इससे यात्री ट्रेन रुकने से पहले ही अपने कोच तक पहुंच ट्रेन रुकते ही उसमें आसानी से बैठ सकते हैं।
इंडिकेशन बोर्ड के इंस्टॉलेशन व स्टाफ के प्रशिक्षण के अलावा कुछ जगह पोल की कमी है। जिसकी वजह से इन बोड्र्स का उपयोग शुरू नहीं हुआ है। यात्रियों की सुविधा के लिए जल्द ही इन्हें उपयोग में लाने का प्रयास किया जा रहा है।’ बलवीर सिंह, स्टेशन अधीक्षक, सीकर