आप रेल में यात्रा कर रहे हैं आपको किसी प्रकार की दिक्कत हो रही है तो अब अलग-अलग जगह शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हर प्रकार की समस्या का समाधान अब ‘रेल कैप्टन’ करेगा। कई ट्रेनों में इसे लागू कर दिया गया है। लम्बी दूरी की मेल/एक्सप्रेस रेल सेवाओं में ‘ट्रेन कैप्टन’ की अवधारणा को लागू किया जा रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों को प्रदान की जा रही सेवाओं तथा उनको होने वाली समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए ट्रेन में नामित ‘ट्रेन कैप्टन’ जिम्मेदार होगा। भारतीय रेलवे में सबसे पहले बीकानेर मण्डल पर ट्रेनों में ट्रेन कैप्टन नामित करने का कार्य शुरू हो गया है। बीकानेर मण्डल पर गाडी सं 12556, हिसार-गोरखपुर एक्सप्रेस, गाडी सं. 14888, बाडमेर-कालका एक्सप्रेस, गाडी सं 22982, श्रीगंगानगर-कोटा एक्सप्रेस तथा गाडी स. 14724, भिवानी-कानपुर एक्सप्रेस में ट्रेन कैप्टन नामित कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके साथ ही जयपुर मण्डल पर गाडी सं 12976/12955 में जयपुर-कोटा-जयपुर के मध्य, गाडी सं. 12985/86, जयपुर-दिल्ली सराय-जयपुर, गाडी सं 12956/19714 में जयपुर-कोटा-जयपुर के मध्य, गाडी सं.12215/16, में जयपुर-अहमदाबाद-जयपुर के मध्य तथा गाडी सं. 12413/14 में जयपुर-दिल्ली-जयपुर के मध्य कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
यह शिकायत सुनेगा
ट्रेन कैप्टन यात्रा के दौरान होने वाली सभी समस्याओं जैसे बैडरोल, पानी, एसी, सुरक्षा, खाना इत्यादि के लिए ट्रेन में संबंधित कार्यरत कर्मचारियों से समन्वय का कार्य करेगा तथा शिकायत का उसी समय निराकरण कराएगा। ट्रेन कैप्टन के पास गार्ड, टीटीई, पैन्ट्रीकार के कर्मचारी, सफ ाई कर्मियों सभी के नम्बर होंगे।
आरक्षण चार्ट पर रहेंगे नंबर
शताब्दी/राजधानी/दुरन्तो तथा ऐसी ट्रेन में जहां ट्रेन सुपरवाइजर है उन्हें ट्रेन कैप्टन के रूप में नामित किया जाएगा। अन्य ट्रेन में सबसे वरिष्ठतम टिकट निरीक्षक को ट्रेन कैप्टन के रूप में नामित किया जाएगा। यात्रियों से सम्पर्क के लिए आरक्षण चार्ट पर ट्रेन कैप्टन के नम्बर अंकित रहेंगे। अलग यूनिफ ार्म के साथ ट्रेन कैप्टन का बेच भी होगा, जिससे यात्री उसको आसानी से पहचान सकें और अपनी किसी भी प्रकार की समस्या से अवगत करवा सकें। -तरूण जैन, सीपीआरओ रेलवे