तीन नर्सिंग स्टॉफ एपीओ, एनजीओ से लगे तीन कार्मिक बर्खास्त
आनन – फानन में प्रबंधन और पुलिस मौके पर पहुंची और दूसरे स्टॉफ को लगाकर ट्रोमा में काम शुरू करवाया। अगले दिन महिला चिकित्सक ने नर्सिंग स्टॉफ पर अभद्रता करने के आरोप लगाए। वहीं परिजनों ने ट्रोमा यूनिट में महिला चिकित्सक पर समय पर मरीज को नहीं देखने के कारण मरीज की मौत होने का आरोप लगाया। मामले में अस्पताल प्रबंधन ने तीन स्थाई नर्सिंग स्टॉफ को एपीओ और एनजीओ के जरिए लगे तीन नर्सिंग कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी। साथ ही ट्रोमा में नर्सिंग स्टॉफ की ड्यूटी रोटेशन से लगाने के निर्देश दिए।बनाई कमेटी
अस्पताल की ट्रोमा यूनिट के नर्सिंग स्टॉफ के बिना सूचना के एक घंटे तक कार्य बहिष्कार करने को गंभीर लापरवाही माना। इसको लेकर चार सदस्यीय चिकित्सकों की कमेटी का गठन किया गया जो पूरे प्रकरण की रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही दोषियों पर कार्रवाई होगी। प्रकरण में शराब पीकर ट्रोमा में आने वाले स्टॉफ को पकड़ने की बजाए पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। जिससे वो चले गए।महिला चिकित्सक ने लगाए आरोप
अस्पताल की ट्रोमा यूनिट में बुधवार रात मेडिसिन की डॉ. सुभिता चौधरी की ड्यूटी लगी हुई थी। ट्रोमा यूनिट में कुछ लोग गले में फंदा लगने के बाद युवक को लेकर पहुंचे। मरीज को प्रारंभिक तौर पर देखने के बाद चिकित्सक ने युवक को मृत बताया और नर्सिंग स्टॉफ को युवक की ईसीजी करने के बाद मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी परिजन और उसके साथ आए लोगों ने मरीज की मौत ट्रोमा में होने की बात कही, मरीज को लेकर जाने पर अड़े रहे। मामले को लेकर महिला चिकित्सक ने नर्सिंग स्टॉफ और उनके साथ आए लोगों ने महिला चिकित्सक से अभद्रता करने और उपचार के समय सुरक्षा देने की मांग की।इनका कहना है…
चिकित्सा सेवा आपातकालीन सेवा में शामिल है। जिला अस्पताल की ट्रोमा यूनिट का देर रात को बिना सूचना के कार्य बहिष्कार करना गंभीर लापरवाही है। मामले में महिला चिकित्सक ने नर्सिंग स्टॉफ पर अभद्रता के आरोप लगाए हैं। लिखित शिकायत के बाद तीन स्थाई कर्मचारियों को एपीओ और एनजीओ के लगे तीन कार्मिकों को बर्खास्त कर दिया गया है। – डॉ. महेन्द्र खीचड़, अधीक्षक कल्याण अस्पताल ट्रोमा यूनिट में देर रात हुए घटनाक्रम से मैं तनाव में हूं और खुद को असहज महसूस कर रहा हूं। इस संबंध में मैंने मेरी शिकायत अस्पताल प्रबंधन को लिखित में दे दी है। वो ही इस संबंध में जानकारी दे सकते हैं। – डॉ. सुभिता चौधरी, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन