परिवार में थे पांच सदस्य
घटना के दौरान घर में पांच सदस्य थे। जमील का बेटा युसुफ व बहु भी घर पर ही थे। जो गनीमत से बाहर कमरे में होने की वजह से हादसे का शिकार होने से बच गए। जबकि जमील, मदीना व सबीना तीनों रसोई में ही थे। जो सिलेंडर में आग लगते ही सीधे चपेट में आ गए।
पौन घंटे देर से पहुंची एंबुलेंस व दमकल
हादसे में एक बार फिर एंबुलेंस व दमकल व्यवस्था की पोल खोल दी। जमील के भतीजे खालिद ने बताया कि घटना की सूचना देने के बाद भी एंबुलेंस व दमकल करीब पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची। पुलिस व सिविल डिफेंस भी देरी से पहुंची। तब तक आग पर काबू पाया जा चुका था। एंबुलेंस आते ही तो तीनों को एसके अस्पताल भेज दिया गया।
पहले भी हो चुके हैं बड़े हादसे
गैस सिलेंडर फटने से सीकर में पिछले साल फरवरी में भी बड़ा हादसा हो चुका है। शेखपुरा मोहल्ले के कुरैशी क्वार्टर में सिलेंडर में विस्फोट से 13 जने झुलस गए थे। जिसमेेंं से आठ लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 2 नवंबर 2018 में भी पुरानी तहसील के पीछे सिलेंडर फटने से मकबूल रंगरेज के परिवार के भी 13 जने झुलस गए थे। जिसमें तीन की मौत हो गई थी।