ऐसे समझें आमजन का दर्द….
केस एक: भुगतान कर चुके, लेकिन दस्तावेज अटके
सीकर निवासी अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों झुंझुनूं बाईपास इलाके में एक भूखण्ड लिया। पिछले दिनों रियल एस्टेट कंपनी को पूरा भुगतान भी कर दिया। लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कई बार सब रजिस्ट्रार कार्यालय में चक्कर लगाकर आ गए, लेकिन वहां हड़ताल की वजह से काम प्रभावित होने का तर्क दिया जाता है।
केस दो: नहीं हो पा रहा लोन
जयपुर रोड निवासी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि पिछले दिनों आशियाने का सपना पूरा करने के लिए भूखंड लिया था। रजिस्ट्री नहीं होने की वजह से लोन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। यदि अब रजिस्ट्री होगी तो लोन प्रक्रिया भी पांच दिन बाद शुरू हो सकेगी।
इनका कहना है
मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से कामकाज प्रभावित रहा। इसके बाद राजस्व विभाग और सूचना सहायकों के आंदोलन की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो सकी। गुरुवार से आमजन को राहत मिल सकेगी। अकेले सीकर कार्यालय में अमूमन रोजाना 100 से अधिक रजिस्ट्री होती है। जल्द लंबित मामलों का निपटारा कर आमजन को राहत दी जाएगी।
भीमसेन सैनी, सब रजिस्ट्रार, सीकर