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Honeytrap Gang: राजस्थान के 5 जिलों में रिश्तेदारों की इस गैंग ने फैलाया हनीट्रैप का ऐसा जाल, जानकर उड़ जाएंगे होश

Rajasthan Crime News: हनीट्रैप गैंग से जुड़े सभी लोग आपस में रिश्तेदार है। जो अलग-अलग जिलों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कांटेक्ट करके उन्हीं के परिचित लोगों को अपना शिकार बनाते।

सीकरOct 02, 2024 / 02:02 pm

Anil Prajapat

Sikar Crime News: सीकर। सदर थाना पुलिस ने हनीट्रैप गैंग की दो महिलाओं सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार और एक-दूसरे के परिचित है। पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा और इसके बाद दो युवतियों पकड़ा, लेकिन मौके का फायदा उठाकर अन्य आरोपी मौके से भाग गए। पुलिस टीम को आरोपियों के रींगस के पास जालपाली के पास घूमने की सूचना मिलने पर वहां से गिरफ्तार किया।
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने मंगलवार प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि आरोपियों ने सीकर, जयपुर के मानसरोवर, नीमकाथाना, दौसा कोटपुतली में एक दर्जन से अधिक हनीट्रेप की वारदातों को अंजाम देकर पीड़ितों के वीडियो बनाकर ठगा है। यही नहीं आरोपियों ने जयपुर के मानसरोवर थाना क्षेत्र के एक डॉक्टर को हनीट्रैप में फंसा तीन लाख रुपए एैंठे थे। जेल से छूटते ही फिर से हनीट्रैप का काम करने लग जाते हैं।
एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि एक सितंबर को बरकत अली निवासी मूंडवाड़ा ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था कि 31 अगस्त को सांवली सर्किल पर उन्हें दो लड़कियां मिली थी। दोनों ने लिफ्ट मांगी। इस पर मदद के तौर पर दोनों लड़कियों को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। जैसे ही गाड़ी आगे पहुंची तो दोनों लड़कियों के साथी पांच पुरुष और एक अन्य महिला साथी आ गए और सभी ने मिलकर मारपीट की और दूसरी गाड़ी में डालकर कोछोर के रास्ते खंडेला में धर्मपुरा गांव की तरफ ले गए। बदमाशों ने गाड़ी के डॉक्यूमेंट सहित अन्य कागज भी छीन लिए। गैंग से जुड़े लोगों ने बरकत से 10 लाख रुपए मांगे, पैसे नहीं देने पर रेप जैसे केस में फंसाने की धमकी और जान से मारने की धमकी दी। बदमाशों ने डराने और धमकाने के बाद 26 हजार रुपए बरकत ने ट्रांसफर किए।

कांस्टेबल बोगस ग्राहक बनकर गैंग तक पहुंचे

थानाधिकारी इंद्रराज मरोड़िया ने बताया कि पुलिस के पास इस केस में कोई भी क्लू नहीं था, जिससे कि पुलिस सीधे आरोपियों तक पहुंच सके। पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए और परिवादी के मोबाइल नंबरों के आधार पर एक आरोपी की पहचान की। पुलिस थाने के कांस्टेबल बाबूलाल को बोगस ग्राहक बनाया गया। पहचान किए अपराधी के द्वारा कॉन्स्टेबल बाबूलाल के नंबर गैंग की युवती के पास पहुंचाए गए। गैंग की युवती ने कॉन्स्टेबल को मिलने के लिए खाटू मोड़ पर बुलाया।
25 सितंबर को मिलना तय हुआ खाटू मोड़ पर भीड़ ज्यादा होने के चलते बाईपास पर मिलने की बात कही। जैसे ही कॉन्स्टेबल बाबूलाल बाईपास पहुंचा तो गैंग की युवती उसकी गाड़ी में आकर बैठ गई और गाड़ी को खंडेला रोड की तरफ ले चलने के लिए कहा। गाड़ी करीब एक किलोमीटर चली इसके बाद एक स्विफ्ट गाड़ी में तीन युवक और एक युवती आए और बोगस ग्राहक बने कॉन्स्टेबल को गाड़ी से नीचे उतारने का प्रयास किया।
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दो युवतियों को पकड़ कर आरोपियों तक पहुंची पुलिस

कॉन्स्टेबल के साथ मौजूद पुलिस टीम के लोग वहां पहुंच गए। उन्होंने गैंग की दोनों युवतियों को पकड़ लिया लेकिन गैंग से जुड़े तीन बदमाश मौका पाकर कार से वहां से फरार हो गए। करीब 10 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बदमाशों की गाड़ी का करीब 10 किलोमीटर बाद में टायर भी फट गया। बदमाश वहां से फसल में छुपकर फरार हो गए। पुलिस ने दोनों युवतियों से पूछताछ की। युवतियों को परिवादी बरकत के नंबर उपलब्ध करवाने वाले आरोपी शंकरलाल बावरिया निवासी मूंडवाड़ा को गिरफ्तार किया।

गैंग के सदस्यों को रींगस के जालपाली पकड़ा

पुलिस को सूचना मिली कि गैंग से जुड़े रामकरण, कृष्ण उर्फ टमका, गणेश बावरिया और अजीत कुमार किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में रींगस के पास जालपाली मोड़ पर घूम रहे हैं। पुलिस टीम ने घेरा डालकर गैंग के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस तरह मामले में कुल सात आरोपी शंकरलाल बावरिया 22 वर्ष पुत्र बन्नराम निवासी मूंडवाड़ा, ममता बावरिया 25 वर्ष पत्नी लालाराम निवासी नीमकाथाना, बबली बावरिया 19 वर्ष पत्नी कैलाश निवासी प्रागपुरा कोटपूतली, अजीत कुमार बावरिया 21 वर्ष, गणेश उर्फ डूंगरिया बावरिया 38 वर्ष पुत्र भगवानाराम, रामकरण बावरिया 19 वर्ष, कृष्ण उर्फ टमका 20 वर्ष पुत्र रामकरण को गिरफ्तार किया है।
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गैंग में सभी आपस में रिश्तेदार और परिचित

थानाधिकारी इंद्रराज मरोड़िया ने बताया कि जांच में सामने आया है कि गैंग से जुड़े सभी लोग आपस में रिश्तेदार और परिचित है। जो अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कांटेक्ट करके उन्हीं के परिचित लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इनका रिश्तेदार ही गैंग को नंबर प्रोवाइड करवाता है। गैंग से जुड़ी युवतियां उनसे बातचीत करके अपने जाल में फंसाती है और फिर उन्हें मिलने के लिए खाटूश्यामजी के पास बुलाती है। जब गैंग की युवती पीड़ित के साथ बैठती है तो गैंग से जुड़े अन्य लोग वहां आते हैं और मारपीट करके उन्हें लूट लेते हैं। यही नहीं आरोपी युवक के वीडियो बनाकर व वाहन के कागजात व अन्य दस्तावेज लेकर ब्लैकमेल भी करते हैं। पीड़ितों को डरा धमकाकर पैसे भी वसूलते हैं। आरोपी पीड़ित की गाड़ी और अन्य डॉक्यूमेंट भी साथ ले जाते हैं और उन्हें वापस देने के बदले भी रुपए वसूलते हैं।

इनकी रही अहम भूमिका

आरोपियों को गिरफ्तार करने में सदर थाना के हेड कांस्टेबल मुकेश और कांस्टेबल बाबूलाल की अहम भूमिका रही है। वहीं टीम में थानाधिकारी इंद्रराज मरोड़िया, हैड कांस्टेबल भगवानी, कांस्टेबल श्याना, रविराज, अनिल कुमार, राजपाल, बाबूलाल व ओमप्रकाश का योगदान रहा है।

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