फूलडोल आरती का विशेष महत्व
धूलंडी के अवसर पर बाबा श्याम का खजाना लुटाया जाता है जिसको प्रवासी श्याम भक्त जाते समय बाबा के खजाने को साथ लेकर जाते है। धूलण्डी के दिन शाम को चार बजे बाबा श्याम की विशेष फूलडोल आरती होती है। इस आरती के समय प्रवासी श्रद्घालुओं को बाबा के चढ़ावे से सिक्के का खजाना भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। जिसको लेने के लिये भी भक्तों की भारी भीड लगती है। बाबा से मिले इस आशीर्वाद के रूपी में मिले सिक्के को लोग अपने व्यापार में वृद्धि के लिये गल्लो व तिजोरियों में रखते है।
धूलंडी के अवसर पर बाबा श्याम का खजाना लुटाया जाता है जिसको प्रवासी श्याम भक्त जाते समय बाबा के खजाने को साथ लेकर जाते है। धूलण्डी के दिन शाम को चार बजे बाबा श्याम की विशेष फूलडोल आरती होती है। इस आरती के समय प्रवासी श्रद्घालुओं को बाबा के चढ़ावे से सिक्के का खजाना भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। जिसको लेने के लिये भी भक्तों की भारी भीड लगती है। बाबा से मिले इस आशीर्वाद के रूपी में मिले सिक्के को लोग अपने व्यापार में वृद्धि के लिये गल्लो व तिजोरियों में रखते है।
झीने पर्दे में दर्शन देंगे बाबा श्याम ब्रज की होली की तरह शेखावाटी के खाटूधाम में श्याम बाबा के संग इत्र गुलाल से खेली गई होली भी प्रसिद्घ है। बाबा श्याम के दरबार में होली खेलने के लिए देश के अनेक स्थानों से भारी तादात में लोग आते है। श्रद्धालु अपने परिवार के साथ बाबा श्याम के गुलाल फैंककर होली खेलने की शुरूआत करते है।