कहा-मैं विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता था, हूं और आगे भी रहूंगा। हमने छात्र व राष्ट्र हित में काम किया है। इसके लिए कभी राजनीति से समझौता नहीं किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा व एबीवीपी को एक नहीं मानने की बात भी कही। हालांकि दोनों में वैचारिक समनता की बात जरूर स्वीकार की।
अभ्यर्थियों पर मढ़ा खाली पदों का दोष
खास बात यह भी रही कि शिक्षण संस्थानों में खाली पदों का दोष उन्होंने अभ्यर्थियों पर ही जड़ दिया। कहा कि हमने शिक्षण संस्थानों के पद भरने के लिए कई भर्तियां निकाली। लेकिन, किसी ना किसी ने उसे कोर्ट में अटका दिया।
खास बात यह भी रही कि शिक्षण संस्थानों में खाली पदों का दोष उन्होंने अभ्यर्थियों पर ही जड़ दिया। कहा कि हमने शिक्षण संस्थानों के पद भरने के लिए कई भर्तियां निकाली। लेकिन, किसी ना किसी ने उसे कोर्ट में अटका दिया।
शिक्षा को व्यवसाय ना बनाएं
कटारिया ने निजी शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाने की हिदायत भी दी। कहा कि वे छात्रों व शिक्षकों का शोषण नहीं करें। विधानसभा सत्र में निजी शिक्षण संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए नियामक एक्ट लाने की बात भी कही।
कटारिया ने निजी शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाने की हिदायत भी दी। कहा कि वे छात्रों व शिक्षकों का शोषण नहीं करें। विधानसभा सत्र में निजी शिक्षण संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए नियामक एक्ट लाने की बात भी कही।
टाल गए तिवाड़ी की पार्टी का सवाल
कार्यक्रम के बाद कटारिया ने पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान उनसे घनश्याम तिवाड़ी के नई पार्टी बनाने व भाजपा की कलह पर सवाल पूछा गया। लेकिन, उसे टालते हुए कहा कि उनके (घनश्याम तिवाड़ी ) मन की वे ही जानें। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता। सीकर में एबीवीपी में गुटबाजी पर कहा कि एबीवीपी में फूट नहीं है। यह देखने वाले का नजरिया है। मैं सिर्फ सकारात्मक चीज देखता हूं। एबीवीपी हमारे समय के मुबाकले अब बहुत मजबूत हुई है। अफसरों के काम नहीं करने की सांसद की शिकायत पर कहा कि मामला एबीवीपी तक ही सीमित रखा जाए। बाकी मामलों पर तो बाद में भी बात हो सकती है।
कार्यक्रम के बाद कटारिया ने पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान उनसे घनश्याम तिवाड़ी के नई पार्टी बनाने व भाजपा की कलह पर सवाल पूछा गया। लेकिन, उसे टालते हुए कहा कि उनके (घनश्याम तिवाड़ी ) मन की वे ही जानें। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता। सीकर में एबीवीपी में गुटबाजी पर कहा कि एबीवीपी में फूट नहीं है। यह देखने वाले का नजरिया है। मैं सिर्फ सकारात्मक चीज देखता हूं। एबीवीपी हमारे समय के मुबाकले अब बहुत मजबूत हुई है। अफसरों के काम नहीं करने की सांसद की शिकायत पर कहा कि मामला एबीवीपी तक ही सीमित रखा जाए। बाकी मामलों पर तो बाद में भी बात हो सकती है।