डीपीआर में हुई डेढ महीने की देरी
शेखावाटी में यमुना के पानी के लिए 17 फरवरी को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच समझौता हुआ था। जिसमें करीब 30 हजार रुपए के प्रोजेक्ट के लिए नई डीपीआर चार महीने में तैयार किया जाना तय हुआ था। पर समझौते के साढ़े पांच महीने बाद भी डीपीआर फाइनल नहीं हो पाई है।पहले हरियाणा के तीन जिलों की पूर्ति, फिर शेखावाटी को मिलेगा पानी
शेखावाटी के चार जिलों के अलावा प्रोजेक्ट में हरियाणा के भी तीन जिलों को शामिल किया गया है। ये जिले भिवानी, चरखी—दादरी व हिसार हैं। जिनमें पानी की पूर्ति के बाद यमुना की बाढ़ का अतिरिक्त पानी शेखावाटी को दिया जाएगा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विधानसभा के बाद पिछले सप्ताह जयपुर में भी कहा था कि हरियाणा के लिए जरूरी 24 हजार क्यूसेक पानी की पूर्ति के बाद बचा हुआ पानी राजस्थान को दिया जाएगा।
शेखावाटी को मिलना है 1917 क्यूसेक पानी
समझौते के तहत शेखावाटी के सीकर, चूरू,झुंझुनूं व नीमकाथाना जिले को यमुना नदी की बाढ़ का 1917 क्यूसेक पानी भूमिगत पाइन लाइनों से मिलना है। ये पानी बरसात के जुलाई से अक्टूबर महीनों में 123 दिन दिया जाना प्रस्तावित है। जिसका भंडारण कर सालभर वितरण किये जाने की योजना है।
इनका कहना है:-
डीपीआर बनाकर हरियाणा सरकार को भेज दी। उस पर मंथन के लिए हरियाणा सरकार को एक कमेटी बनानी है। उसके बाद ही आगे का काम होगा।
अमरजीत सिंह, चीफ इंजीनियर, सिंचाई विभाग।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले ही डीपीआर को मंजूरी दिलाने का प्रयास हर स्तर पर कर रहे हैं। इस संबंध में समिति के पदाधिकारी जल्द ही जल शक्ति मंत्री से भी मिलेंगे।
दयाराम महरिया, अध्यक्ष, सुजला शेखावाटी समिति।
दयाराम महरिया, अध्यक्ष, सुजला शेखावाटी समिति।