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Motivational: जुनून ऐसा की SI, पटवारी, रीट, APRO समेत 7 सरकारी नौकरी की परीक्षाएं कर ली पास, डिग्रियों का भी है अंबार

Real Life Inspirational Story: बचपन से ही मेधावी रहे मदनलाल बोरख ने पहले आरएएस की मुख्य परीक्षा छोडक़र भारतीय वायु सेना ज्वाइन की और फिर वहां से सेवानिवृति लेने के बाद फिर से सरकारी सेवा में जाने का फैसला किया।

सीकरJan 06, 2025 / 10:12 am

Akshita Deora

मोहम्मद रफीक चौधरी
अक्सर लोग कहते हैं कि बेरोजगारी बढ़ गई है और युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है। इस धारण को अपने जज्बे और जूनून से गलत साबित किया है, एक पूर्व सैनिक ने।
सेना में 20 साल नौकरी करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई और आगे बढऩे का जज्बा नहीं छोड़ा और एक के बाद एक करके सात सरकारी सेवा में छह परीक्षाएं पास कर डाली और अब उच्च शिक्षा में सहायक आचार्य सेवाएं दे रहे हैं।
कहानी है गुहाला की ढाणी भोपालपुरा के किसान माधूराम बोरख के पूर्व सैनिक पुत्र मदनलाल बोरख की। बचपन से ही मेधावी रहे मदनलाल बोरख ने पहले आरएएस की मुख्य परीक्षा छोडक़र भारतीय वायु सेना ज्वाइन की और फिर वहां से सेवानिवृति लेने के बाद फिर से सरकारी सेवा में जाने का फैसला किया।
उन्होंने लगातार 7 परीक्षाएं क्रेक कर पटवारी से लेकर शिक्षक तक की नौकरी की और कॉलेज लेक्चरर भर्ती परीक्षा में अपने वर्ग में टॉपर रहे। बोरख फिलहाल चित्तौड़ जिले के छोटी सादड़ी में राजकीय कॉलेज में सहायक आचार्य भूगोल के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
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इस तरह तय किया कामयाबी का सफर

मदनलाल ने सबसे पहले सन 2000 में वायुसेना में शिक्षा अनुदेशक (इंसट्रक्टर) के पद पर ज्वाइन किया। इसके बाद कोरोना काल में कतिपय कारणों से वहां से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। इसके बाद पहले तो उनके मन में निराशा के भाव आए लेकिन पत्नी अनीता देवी व दोस्त डॉ नेकीराम आर्य के प्रेरित करने के बाद फिर से राजकीय सेवा में जाने का फैसला किया।
उन्होंने सबसे पहले 2018 में सब इंस्पेक्टर परीक्षा पास की और फिजिकल भी क्लीयर कर लिया लेकिन आगे कदम नहीं बढ़ाए। 2018 में भूगोल विषय में स्कूली व्याख्याता परीक्षा पास कर ली लेकिन ज्वाइन नहीं किया। 2020 में पटवार भर्ती पास की लेकिन ज्वाइन नहीं किया। 2020 में रीट में चयन हो गया, जो बाद में स्थगित हो गई थी। 2021 में सहायक जनसंपर्क अधिकारी (एपीआरओ) परीक्षा पास की लेकिन ज्वाइन नहीं की। 2021 में ही आरएएस एलाइड सेवा में लेबर इंसपेक्टर के पद पर चयन हो गया, लेकिन ज्वाइन नहीं की।
इसके बाद 2021 में संस्कृत शिक्षा में प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा पास की और ज्वाइन भी किया।

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यहां आगे बढऩे का जज्जा बरकरार रहा और छह महीने पलासिया स्कूल में सेवाएं देने के बाद नौकरी करने के बाद भी उन्होंने 2023 में आरपीएससी की कॉलेज लेक्चरर भर्ती परीक्षा में भूगोल विषय में पूर्व सैनिक केटेगरी में टॉप किया।

पढऩे का जज्बा: डिग्रियों का अंबार


नवोदय विद्यालय पाटन के पहले बैच के छात्र रहे मदनलाल का पढऩे के प्रति जज्बा ऐसा है कि उनके पास दर्जन भर डिग्रियां है। उन्होंने बीए आनर्स कर बीएड करने के बाद डबल एमए किया। इसमें पहले भूगोल से और फिर हिंदी में पीजी ली।
इसके बाद अनुवाद में पीजी डिप्लोमा किया। पुस्तकालय सूचना विज्ञान विषय में स्नातक करने व (एमएससी इन लाइब्रेरी इनफोरमेशन साइंस) में पीजी किया। इसके बाद सीटेट व नेट क्वालिफाई किया। वे खेलों में भी बराबर रूचि रखते हैं तथा जेवेलिन थ्रो, कबड्डी और वॉलीबाल के स्टेट प्लेयर रह चुके हैं।

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