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Human: 10 साल संघर्ष के बाद 47 साल की उम्र में मिली नौकरी, नियति ने जिंदगी के साथ छीनी

सीकर. इसे काल की कू्रर कुचाल ही कहेंगे। फतेहपुर में मंगलवार को कोहरे में भिड़े 10 वाहनों में जिस रोडवेज परिचालक सांवरमल की मौत हुई, उसने इस नौकरी के लिए 10 साल कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी।

सीकरDec 28, 2022 / 02:01 pm

Sachin

Human: 10 साल संघर्ष के बाद 47 साल की उम्र में मिली नौकरी, नियति ने जिंदगी के साथ छीनी

सीकर. इसे काल की कू्रर कुचाल ही कहेंगे। फतेहपुर में मंगलवार को कोहरे में भिड़े 10 वाहनों में जिस रोडवेज परिचालक सांवरमल की मौत हुई, उसने इस नौकरी के लिए 10 साल कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी। जिसमें जीत के बाद 47 वर्ष की उम्र में पिछले साल ही उसकी नियुक्ति रोडवेज परिचालक के रूप में हुई थी। नियुक्ति के बाद से तीन बच्चों वाला परिवार खुद को निहाल व खुशहाल समझ रहा था। पर नियति को शायद सांवरमल की ये नौकरी ही नागवार थी। दस साल के संघर्ष के बाद मिली नौकरी को विधाता ने 16 महीने में ही उसकी जिंदगी के साथ छीन ली। जो पूरे परिवार पर दुखों के पहाड़ के रूप में टूटा है।

मूक बधिर है बड़ा बेटा, आर्थिक हालात भी खराब
सांवरमल की मौत से परिवार पर आर्थिक संकट भी गहरा गया है। नानी गांव के पुश्तैनी मकान में जीवन यापन कर रहे परिवार की आय का एकमात्र जरिया सांवरमल की नौकरी ही थी। सरपंच मोहन बाजिया ने बताया कि मृतक का बड़ा विजय मूक बधिर है। छोटा बेटा सुनिल व बेटी स्नातक है। तीनों ही पढ़ाई कर रहे हैं। ऐेसे में पहले से खराब माली हालत से जूझ रहे परिवार का एकबारगी आर्थिक संकट भी गहरा गया है।

ट्रेलर मोड़ते समय हुआ था हादसा
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह भीषण कोहरे के बीच फतेहपुर में निर्माणाधीन कॉलेज के पास स्थित एक होटल से ट्रेलर सड़क की तरफ मुड़ रहा था। धुंध में दिखाई नहीं देने पर पीछे से आ रही रोडवेज उसमें जा घुसी। इसके बाद एक-एक कर दस वाहन आपस में टकरा गए। जिसमें रोडवेज परिचालक सीकर के नानी गांव निवासी सांवरमल की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि चालक विजय सिंह सहित पांच यात्री घायल हो गए थे।

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