Good News : राजस्थान के खेल संगठनों पर लगेगी लगाम, खिलाड़ियों में जगी आस, जानें क्यूं
Good News : राजस्थान के खेल संगठनों में बढ़ते विवाद को सुलझाने और खिलाड़ियों की भागीदारी तय करने के लिए अब राज्य सरकार की ओर से खेल कोड लाने की पूरी तैयारी कर ली है। सीएम भजनलाल और खेल मंत्री के बयानों से तीन लाख खिलाड़ियों में आस जगी है।
सीएम भजनलाल और खेल मंत्री के बयानों से तीन लाख खिलाड़ियों में आस जगी
Good News : राजस्थान के खेल संगठनों में बढ़ते विवाद को सुलझाने और खिलाड़ियों की भागीदारी तय करने के लिए अब राज्य सरकार की ओर से खेल कोड लाने की पूरी तैयारी कर ली है। पिछले दिनों युवाओं से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की ओर से इस संबंध में खिलाड़ियों को संकेत भी दिए जा चुके हैं। प्रदेश के ज्यादातर खेल संगठनों की ओर से फिलहाल 2005 खेल कोड की पालना की जा रही है। सरकार की मंशा है कि इस साल से सभी खेल संगठनों को राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के दायरे में लाना है। खेल कोड लागू होने के बाद जिला संघों से लेकर राज्य खेल संघों तक असर दिखना तय है। खेलों पर फोकस होने की वजह से नई सरकार से खिलाड़ियों को खेल नीति में बदलाव की आस भी जगी है।
खेल कोड का ऐसे दिखेगा असर
1– संवैधानिक संशोधन : खेल संघों को अपने संविधान को राष्ट्रीय खेल संहिता के हिसाब से बनाना होगा। 2– चुनावी सुधार : लोकतांत्रिक चुनाव और पदाधिकारियों के लिए कार्यकाल प्रतिबंध लागू होगा। 3- पारदर्शिता और जवाबदेही : खेल संघों को बैंक खाते रखने होंगे, ऑडिट से गुजरना होगा और वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता का भी ध्यान रखना होगा। 4– एथलीट कल्याण : खिलाड़ियों को बेहतर संसाधन मुहैया कराने के लिए रोडमैप स्पष्ट करना होगा। 5– सुशासन : संघों को विवाद समाधान तंत्र स्थापित करना होगा व एथलीटों, कोचों और अधिकारियों की भागीदारी तय हो।
खेल कोड सख्ती से लागू होने पर मिलेगा फायदा – अशोक शर्मा
बेसबॉल संघ राजस्थान अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा खेल कोड 2011 के लागू होने के बाद प्रदेश में खेलों का और बेहतर माहौल बन सकेगा। कई खेल संगठनों में पहले से खिलाड़ियों की पूरी भागीदारी है। खेल कोड सख्ती से लागू होने पर खिलाड़ियों को भी पूरा फायदा मिलेगा। खेल संघों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की मंशा के साथ यह लागू किया गया था।
अन्य राज्यों की तरह मिले चार फीसदी आरक्षण – डॉ. ओ.पी. माचरा
राजस्थान शूटिंग बॉल संघ महासचिव डॉ. ओ.पी. माचरा ने कहा सरकारी नौकरियों में सभी खेलों के खिलाड़ियों को पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की तरह तीन से चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान करना होगा। इससे युवाओं का खेलों का जुड़ाव भी मजबूत होगा। नियमों की विसंगति को नई सरकार को दूर करना चाहिए, जिससे सभी खेलों के खिलाड़ियों को फायदा मिल सके।
क्रीड़ा परिषद ने लिए खेल संघों से सुझाव
राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की ओर से प्रदेश में खेलों का बेहतर माहौल बनाने के लिए खेल संगठनों से सुझाव लेने की कवायद शुरू की है। 20 से अधिक खेल संगठनों ने नौकरियों में खिलाड़ियों को मिलने वाले दो फीसदी आरक्षण के दायरे में पहले की तरह नॉन ओलम्पिक खेल संघों को लाने, खिलाड़ियों का आरक्षण चार फीसदी करने, खेल कोड 2011 लागू करने व एसएमएस स्टेडियम परिसर में सभी खेल संगठनों को एक-एक कक्ष आंवटित करने सहित अन्य मांग की है।