वहीं सीकर जिले में दीपावली पर हुई जमकर आतिशबाजी ने शहर की आबोहवा में जमकर जहर घोला है। अंदाजा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। जिसके मुताबिक दिवाली पर सीकर शहर प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे स्थान पर रहा। यहां का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 480 दर्ज हुआ। जो वायु प्रदूषण की सबसे गंभीर व आपातकालीन स्थिति मानी जाती है। अस्थमा के मरीज ही नहीं, बल्कि हर किसी का स्वास्थ्य इस दौरान संकट में था।
ये रहे प्रदेश के सबसे प्रदूषित पांच जिले
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिवाली पर प्रदेश के सबसे प्रदूषित पांच शहरों में जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, सीकर व भिवाड़ी शामिल रहे। इनमें सबसे खराब एक्यूआई 500—500 के साथ जोधपुर व बीकानेर पहले व 490 एक्यूआई के साथ भरतपुर दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। इसके बाद 480 एक्यूआई वाला सीकर तीसरे व 479 एक्यूआई के साथ भिवाड़ी सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार रहे।
सुबह भी रेड जोन में
दिवाली के बाद शुक्रवार को हालांकि मौसम ने साथ दिया। आतिशबाजी कम होने व धूप खिलने की वजह से एयर क्वालिटी में कुछ सुधार हुआ। पर इसके बावजूद भी सीकर शहर में सुबह नौ बजे एक्यूआई 270 दर्ज हुआ, जो भी रेड जोन कैटेगरी में शामिल है। वायु प्रदूषण की वजह से शहर में अस्थमा के मरीजों को खासतौर पर खासी परेशानी रही। चिकित्सकों के अनुसार अस्थमा के नए मरीज भी बढ़ गए।