Fake Notes Printing Racket Busted in Rajasthan Sikar : 85 प्रतिशत तक अंक लाने वाले एमएससी, बीएससी, एमए के छात्र बाजार में नकली नोट बनाकर पिछले चार महीने से चला रहे थे। फतेहपुर कोतवाली पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित 9 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से दौ सौ रुपए के 25,400 रुपए के नकली नोट, प्रिंटर, कम्प्यूटर, एलईडी सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं। एएसपी देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस आरोपियों से नकली नोटों के लिए लाए विशेष कागज व स्याई के बारे पूछताछ कर रही है। लाखों रुपए की नकली नोट छाप कर बाजार में चला दिए गए। मामले की जांच रामगढ़ सेठान थानाधिकारी उमाशंकर शर्मा को सौंपी गई है।
एक ही सीरियल के नोट
अंकित से जांच में सामने आया कि गूगल पर सर्च कर उन्होंने जाली नोट बनाना सीखा। इसके बाद विशेष कागज से कम्यूटर पर बनाकर प्रिंटर से नोट बनाने शुरू कर दिए। शुरू में नोट को सही सैट करने में कुछ परेशानी आई। अधिकतर रात के समय में ही नकली नोट बनाते थे। इनके पास से जो नोट बरामद हुए है। उस पर ओएलएफ 933094 सीरियल नंबर ही लिखे हुए थे। देखने में सभी नोट असली जैसे ही लग रहे थे। दूध, सिगरेट, घरेलु सामान जैसे रोजमर्रा के कामों में ये जाली नोटों का प्रयोग करने लगे। नकली नोट छाप कर सीकर शहर, रानोली, फतेहपुर सहित पूरे जिले में चलाने लग गए थे।
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लक्ष्मी ट्रेवल्स से छापकर हो रहे सप्लाई
जांच में सामने आया कि कल्याण सर्किल पर लक्ष्मी ट्रेवल्स पर ही नकली नोट छापे जा रहे थे। जो लोग टिकट लेने आते थे। उन्हें दौ सौ रुपए का नकली नोट दिया जाता था। लक्ष्मी ट्रेवल्स का मालिक सुरेंद्र है। रात के समय में ही सुरेंद्र, अंकित, शुभकरण, राकेश मिल कर छापते थे। इसके बाद अन्य साथियों की मदद से उन्हें बाजार में चलाते थे। पुलिस को तलाशी में आधे छपे हुए नोट व कटे-फटे हुए नकली नोट भी बरामद हुए है। नकली नोटों की कटिंग करने के बाद उन्हें सुनसान जगह पर जला देते थे।
मुखबिर के जरिए मिली थी सूचना
एएसपी देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से नकली नोट चलाए जाने की सूचना मिल रही थी। फतेहपुर डीएसपी ओमप्रकाश किलानिया के नेतृत्व में कोतवाली फतेहपुर थानाधिकारी उदयसिंह ने राकेश को नकली नोट चलाते हुए पकड़ा। वहां से रफीक व विजेंद्र को पकड़ा गया। तब रामवतार व अंकित को पकड़ा। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए नौ आरोपियों को पकड़ लिया। पुलिस टीम में हैडकांस्टेबल बीरबल, कांस्टेबल राकेश कुमार, जीवराज, दाउद खां, गोपीचंद, शिवभगवान व शक्ति सिंह का सराहनीय कार्य रहा।