किसानों ने सीकर-जयपुर हाईवे पर रामू का बास में गुरुवार को 10 घंटे से जाम लगा रखा है। जाम में महिलाएं भी जेळी और गंसासी लेकर शामिल हुई हैं।
•Feb 22, 2018 / 08:59 pm•
vishwanath saini
किसानों ने सीकर-जयपुर हाईवे पर रामू का बास में गुरुवार को 10 घंटे से जाम लगा रखा है। जाम में महिलाएं भी जेळी और गंसासी लेकर शामिल हुई हैं। जाम के कारण वाहन चालकों और यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।
रामू का बास में सडक़ पर सैकड़ों किसान जाम लगाए बैठे हैं। किसान विधानसभा का घेराव करने जयपुर कूच कर रहे थे। पुलिस ने यहां रोक लिया तो जाम शुरू कर दिया।
किसानों ने जहां जाम लगाया है, वहां तिराहा है। झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर जिलों के वाहन भी जयपुर इसी रास्ते से जाते हैं।
करीब पांच सौ बसें जाम में फंस गई। यात्री बसों से उतरकर पैदल ही चले गए।
जाम में फंसे वाहनों में बच्चों और वृद्ध यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सीकर डीएसपी गिरधारी लाल व अन्य अधिकारी मौके पर नजर रखे हुए थे।
पुरुषों के साथ-साथ महिला किसान भी सडक़ पर डटी हुई हैं।
सीकर-जयपुर रोड जाम के कारण खाटू श्यामजी के श्रद्धालुओं को भी परेशानी हुई है।
यात्री दिनभर परेशान होते रहे। गांवों के रास्तों से पैदल ही अपने गंतव्य की ओर गए।
किसानों ने जाम स्थल पर सभा भी की, जिसे किसान नेताओं ने सम्बोधित किया और कहा कि पहले तो कर्ज माफी आदि की ही मांग थी, मगर अब सभी गिरफ्तार किसान नेताओं की रिहाई भी उनकी मांगों में शामिल हो गई है।
जाम से सिर्फ एम्बुलेंस को मुक्त रखा गया। शेष सभी प्रकार के वाहनों की लम्बी कतारें लग गई।
पुलिस अधिकारी और यात्री जाम हटाने के लिए किसानों से समझाईश करते रहे, मगर वे रात नौ बजे तक नहीं मानें।
मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ-साथ आरएसी के जवान भी तैनात करने पड़े।
जाम में फंसे यात्रियों को खाने-पीने की वस्तुओं के लिए तरसना पड़ा।
सडक़ पर जिसको जहां जगह मिली यात्रियों ने वहीं डेरे डाल दिए।
सडक़ पर जाम में फंसे वाहनों के नीचे सो कर किसानों ने विश्राम किया।
किसानों ने सुबह दस बजे जाम शुरू किया था। पहले से प्रस्तावित नहीं था।
मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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