scriptARISDA Doctors की हड़ताल व सीकर सीएमएचओ बनने के बाद डॉ. अजय चौधरी ने चुनाव लडऩे के सवाल पर दिया ये जवाब | Exclusive interview of ARISDA president or sikar CMHO Ajay chaudhary | Patrika News
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ARISDA Doctors की हड़ताल व सीकर सीएमएचओ बनने के बाद डॉ. अजय चौधरी ने चुनाव लडऩे के सवाल पर दिया ये जवाब

सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष (अरसिदा) डॉ. अजय चौधरी ने पत्रिका की विशेष बातचीत में कहा राजनीति से नहीं कोई वास्ता, नहीं लडूंगा चुनाव…
 
 

सीकरDec 30, 2017 / 11:35 am

vishwanath saini

Dr. Ajay chaudhary
सीकर. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि मेरे बारे में राजनीति में जाने व चुनाव लडऩे की बातें महज अफवाह मात्र है, मैं पहले ही सेवा के नोबल प्रोफेशन से जुड़ा हुआ हूं। राजनीति में जाने व चुनाव लडऩे का कोई इरादा नहीं है।

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उन्होंने कहा कि राजनीति भी सेवा का माध्यम है में पहले से जनता की सेवा के कार्य में जुड़ा हुआ हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति की बजाय चिकित्सकों का नेतृत्व ही हमेशा करूंगा। प्रदेश में चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान हुई 300 सौ मौतों के मामले में चिकित्सकों का पक्ष लेते हुए डॉ.चौधरी ने 12 दिन में हुई मरीजों की सभी मौतों को स्वाभाविक मौत बताया।

चिकित्सा मंत्री से नहीं मनमुटाव
चिकित्सकों के बीच हुए समझौते के दौरान चिकित्सा मंत्री से हुए मनमुटाव व उनके गृह जिले में लगाए जाने के सवाल पर डॉ.चौधरी ने कहा कि मनमुटाव जैसी कोई बात नहीं है। चिकित्सा मंत्री प्रदेश में विभाग के मुखिया है।
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उनके निर्देशानुसार सभी कार्मिक कार्य करते है। मैं भी एक सिपाही की तरह काम करूंगा। चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ के विभाग का प्रभार बदलते ही चिकित्सकों के आंदोलन शुरू करने की बात को भी नकारते हुए कहा कि यह मात्र संयोग ही रहा कि लंबे समय से चल रही मांगों को लेकर अगस्त से चिकित्सकों ने बार-बार स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा गांधीवादी तरीके से आंदोलन शुरू किया।

सकारात्मक कदम उठाया
सरकार ने चिकित्सकों के साथ हुए समझौते की क्रियान्विति नहीं र्की। इसके बाद तबादले कर दिए गए। जिससे सरकार और चिकित्सकों के बीच विश्वास कम हुआ। चिकित्सकों के खुद को आहत महसूस किया। चिकित्सकों का आत्म सम्मान आहत हुआ।गांधीवादी तरीके से विरोध के बावजूद सरकार ने रेस्मा जैसी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। और चिकित्सक भयभीत हो गए। इस कारण ही चिकित्सकों ने दुबारा आंदोलन किया। हिंडौन सिटी में तबादला करने का कोई विरोध नहीं था। पिछले 22 साल से चूरू इलाके में रहा हूं। वहां की पस्थितियां बेहतर समझता हूं। इसलिए नजदीक तबादले की मांग की थी। जिसे सरकार ने पूरा कर दिया।

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