इस बार बुखार के सारे लक्षण डेंगू की तरह हैं, लेकिन जांच करने पर मरीज एलाइजा जांच में डेंगू पॉजिटिव नहीं आ रहा है। लम्बे समय तक खांसी और बलगम जमा होने की शिकायत को लेकर मरीज दोबारा पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस बार थर्मामीटर में तो बुखार नहीं आ रहा है लेकिन शरीर में ऐंठन और दर्द की शिकायत आ रही है। यही कारण है कि बुखार ठीक होने के बाद कम से कम एक माह से अधिक का समय मरीज की दिनचर्या सामान्य नहीं हो पा रही है। कल्याण अस्पताल में प्रतिदिन 2000 से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
यह है हकीकत चिकित्सा विभाग के अनुसार मौसमी बीमारियों के प्रकोप की रोकथाम के लिए रोजाना एप के जरिए रिपोर्टिंग की जा रही है। मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो शहरी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के साथ प्रभावित क्षेत्रों में क्रॉस वेरिफिकेशन कर रहे हैं। लेकिन चिकित्सा विभाग की नजर अब मौसम में ठंडक घुलने पर टिकी हुई जिससे मौसम वायरस के प्रतिकूल हो जाए।
हालांकि आशा और एएनएम पॉजीटिव केसेज वाले रोगियों के घर के आसपास 50 घरों में सोर्स रिडक्शन, एंटी लार्वा और एंटी एडल्ट एक्टिविटी कर रिपोर्ट कर रहे हैं। पायरेथ्रम और टेमीफोस का स्प्रे, एमएलओ छिडक़ाव और लार्वा नष्ट करने का कार्य कर रहे हैं लेकिन फोगिंग का काम काफी धीमा है। काफी इलाकों में यह काम नहीं हुआ।
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इनका कहना है
फील्ड में लगातार सोर्स रिडक्शन के साथ एंटीलार्वल कार्रवाई करवाई जा रही है। फोगिंग के केमिकल से फायदे के बजाए नुकसान हो सकते हैं। गाइडलाइन के अनुसार डेंगू पॉजिटिव मिलने पर ही फोगिंग करवाने के निर्देश है। डेंगू की पुष्टि एलाइजा जांच के जरिए ही हो सकती है।