शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से जारी सूची में बताया गया कि सभी शिक्षा अधिकारियों को 15 दिन के भीतर कार्यग्रहण करना होगा। उन्होंने बताया कि 15 दिन बाद कार्यग्रहण नहीं करने पर पदोन्नति परित्याग माना जाएगा।
संयुक्त निदेशक: 12
सीडीईओ व डीईटो: 253
आरपी: 211
अतिरिक्त परियोजना समन्वयक: 74
प्रतिनियुक्ति रद्द: 34 वर्ष 1998 के बाद नहीं भरे गए पदप्रदेश में वर्ष 1998 में शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य पदों की भर्ती के लिए प्रावधान किया गया कि आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे और आधे पद पदोन्नति के जरिए। सरकार ने यह प्रावधान तो कर दिया लेकिन कोई भी सरकार जिला शिक्षा अधिकारी की सीधी भर्ती नहीं करवा सकी। इस कारण प्रदेश में 23 सालों से जिला शिक्षा अधिकारियों के आधे से अधिक पद रिक्त चल रहे थे। पिछली भाजपा सरकार ने पातेय वेतन पदोन्नति के जरिए भरा था, लेकिन सभी पद नहीं भरे जा सके।
प्रिसिंपल की डीपीसी के बाद पदस्थान आदेश जारी होने से अब व्याख्याता से प्रिसिंपल बनने का सपना देखने वालों की खुशियां भी जल्द अनलॉक होगी। इनको काउंसलिग के जनिए नए स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा। लगभग एक हजार से अधिक शिक्षकों को इस सूची का इंतजार है।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
सरकार की पहल से लंबे समय बाद विभाग में डीईओ, डीडी, जेडी के अधिकांश पद भरे हैं। इससे शिक्षक और समाज की शिक्षा की उम्मीदें पूरी होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सार्वजनिक शिक्षा को भी सम्बल मिलेगा। वहीं शिक्षकों को समय पर पदोन्नति मिल सकेगी।
महेन्द्र पाण्डे महामंत्री राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ।