महिला थानाधिकारी से प्रताडि़त होकर शनिवार रात को कांस्टेबल ( Police Constable Suicide in Sikar ) ने पंखे से फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। कांस्टेबल ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट ( Suicide Note Before Suicide ) भी लिखा। रात को ही सुसाइड़ नोट सोशल मीडिया ( Suicide Note Viral On Social Media ) पर वायरल भी कर दिया। कांस्टेबल चार दिन पहले महिला थाना में चालक के पद पर लगाया था। सुसाइड नोट में उसने महिला थानाधिकारी पूजा पूनिया, चालक मुकेश, हैड कांस्टेबल झाबरमल व कांस्टेबल शिवदयाल द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए प्रताडि़त करने की बात लिखी। परिजनों ने उद्योगनगर पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी गई। उसे फंदे से उतार कर देर रात को ही मोर्चरी में रखवा दिया। पुलिस ने शव लेने के लिए परिजनों को नोटिस दिया।
Crime in Sikar : उद्योगनगर थानाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कांस्टेबल लक्ष्मीकांत नायक पुत्र प्यारेलाल निवासी सिंगोदड़ा लक्ष्मणगढ़ है। वह महिला थाने में चार दिन पहले ही पदस्थापित हुआ था। वह परिवार के साथ राधाकिशनपुरा में पुरोहित की ढाणी में किराए के मकान में रहता था। एक महीने पहले ही मकान में रहने के लिए आया था। उन्होंने बताया कि सुबह कांस्टेबल के सुसाइड़ किए जाने की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। एएसपी देवेंद्र कुमार, डीएसपी सौरव तिवाड़ी, डीएसपी बलराम सिंह, डीएसपी तेजप्रकाश पाठक, उद्योगनगर थानाधिकारी वीरेंद्र कुमार परिजनों से घटना को लेकर बात की। मृतक कांस्टेबल लक्ष्मीकांत नायक के भाई पंकज की रिपोर्ट पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने व एससीएसटी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
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लक्ष्मीकांत ने रात को खाना नहीं खाया, रसोई में जाकर लगाया फंदा
जांच के दौरान पता लगा कि लक्ष्मीकांत ने रात को खाना भी नहीं खाया था। वह पत्नी व बच्चे कमरे में सो गए थे। उसने रात को कमरे में ही बैठकर सुसाइड नोट लिखा। इसके बाद उसे कई पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी भेज दिया। उसके बाद वह कमरे से निकल कर रसोई में चला गया। वहां पर फ्रीज पर चढकऱ फंदा लगाया और झूल गया। माना जा रहा है कि उसने करीब एक बजे के बाद ही सुसाइड किया। रात को उसकी पत्नी की आंख खुली तो इधर-उधर देखा। तब उसने मकान मालिक को सूचना देकर बुलाया। मकान मालिक मुन्नालाल किसी काम से बाहर गए हुए थे। उनके बच्चों ने छत पर आकर रसोई में झांक देखा तो लक्ष्मीकांत फंदे से झूलते हुए दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने परिजनों व पुलिस को घटना की जानकारी दी। रात को ही स्कूटी लेकर लक्ष्मीकांत के पिता प्यारेलाल व भाई पहुंचे। रात को ही शव को उतार कर मोर्चरी में रखवाया गया।