यह जिले रहे टॉपर
रैंकिंग में चूरू के बाद भरतपुर, कोटा, राजसमंद व डुंगरपुर टॉप पांच स्थानों पर रहे। जबकि बारां, जयपुर, बाड़मेर, प्रतापगढ़ व धौलपुर सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। सबसे कम 23.60 स्कोर के साथ बारां जिला सबसे अंतिम स्थान पर रहा।
रैंकिंग में चूरू के बाद भरतपुर, कोटा, राजसमंद व डुंगरपुर टॉप पांच स्थानों पर रहे। जबकि बारां, जयपुर, बाड़मेर, प्रतापगढ़ व धौलपुर सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। सबसे कम 23.60 स्कोर के साथ बारां जिला सबसे अंतिम स्थान पर रहा।
यूं होता है मूल्यांकन
स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है। ये आधार शैक्षिक,चार श्रेणियों से होता है। मूल्यांकन स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है। ये आधार शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं हैं। इसमें शैक्षणिक श्रेणी के 100, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के 20-20 तथा आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय हैं। शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को 7, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 तथा आधारभूत सुविधाओं के अंकों को 2 बिंदुओं में बांटा गया है। इस तरह कुल 150 अंकों में से जिलों को उनके कार्यों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं।
स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है। ये आधार शैक्षिक,चार श्रेणियों से होता है। मूल्यांकन स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है। ये आधार शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं हैं। इसमें शैक्षणिक श्रेणी के 100, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के 20-20 तथा आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय हैं। शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को 7, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 तथा आधारभूत सुविधाओं के अंकों को 2 बिंदुओं में बांटा गया है। इस तरह कुल 150 अंकों में से जिलों को उनके कार्यों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं।