scriptकैसे हारे का सहारा बने भीम पौत्र बर्बरीक, जानिए Baba Khatu Shyam Ji की कहानी | Patrika News
सीकर

कैसे हारे का सहारा बने भीम पौत्र बर्बरीक, जानिए Baba Khatu Shyam Ji की कहानी

Baba Khatu Shyam Ji : हारे का सहारा, खाटूश्याम हमारा। बाबा खाटूश्याम जी को भक्तगण सर आंखों पर, पूरी श्रद्धा भाव से पूजा करने आते हैं। इनके भक्त न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी हैं। कहा जाता है कि दिल से कुछ भी मांग लो खाटूश्याम कभी न नहीं कहते, अपने बच्चों को हर वो चीज दे देते हैं जो उनके लिए सही है। बस मन में सच्ची श्रद्धा और प्यार-विश्वास होना चाहिए।

सीकरFeb 28, 2024 / 06:32 pm

Supriya Rani

khatu_shyam_baba.jpg
1/11

Baba Khatu Shyam Ji : हारे का सहारा, बाबा खाटूश्याम हमारा। बाबा खाटूश्याम के भक्त न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी हैं। कहा जाता है कि दिल से कुछ भी मांग लो खाटूश्याम कभी न नहीं कहते, अपने बच्चों को हर वो चीज दे देते हैं जो उनके लिए सही है। बस मन में सच्ची श्रद्धा और प्यार-विश्वास होना चाहिए।

khatu_shyam_ji_sikar.jpg
2/11

बाबा श्याम। हारे का सहारा। लखदातार। खाटूश्यामजी। नीले घोड़े का सवार। मोर्विनंदन। खाटू नरेश और शीश का दानी। जितने निराले बाबा श्याम के नाम उतना ही रोचक है इनका इतिहास।

hare_ka_sahara_khatu_shyam_hamara.jpg
3/11

महाभारत के युद्ध में दूर-दूर से लोग युद्ध लड़ने आ रहे थे। युद्ध की बात जंगल में रहने वाले एक नवयुवक भीम पौत्र बर्बरीक के कानों तक भी पहुंची। इसके बाद वह युद्ध में शामिल होने के लिए अपनी मां मौरवी को वचन देकर निकल पड़ा कि हारे का ही सहारा बनूंगा।

jai_khatu_shyam_ji_ki_-_copy.jpg
4/11

बर्बरीक के पास दिव्य शक्तियां थी। इस महाभारत युद्ध के लिए उनका एक ही बाण काफी था, तीनों बाण चले तो सृष्टि का ही नाश हो जाएगा। यह बाण खुद महादेव ने प्रसन्न होकर दिए थे। इनकी विशेषता थी कि एक बार में लक्ष्य करते ही यह शत्रु समूह का समूल नाश कर देता है। चाहे वह कहीं भी जा छिपा हो।

jai_khatu_shyam_ji_ki.jpg
5/11

लेकिन अचानक रास्ते में भीम पौत्र बर्बरीक को एक ब्राह्मण मिला। ब्राह्मण ने बर्बरीक के बल-कौशल की प्रशंसा की और कहा कि तुम बहुत वीर हो। इस पर बर्बरीक ने कहा, दान मांगकर देखिए आपको मिल जाएगा। मैं आपको वचन देता हूं। तब ब्राह्मण ने उनसे शीशदान मांग लिया। बर्बरीक ने कहा कि वचन देने के बाद पीछे तो नहीं हटूंगा। आप अपना वास्तविक स्वरूप दिखाइए।

 

khatu_shyam_baba_images.jpg
6/11

उनकी प्रार्थना पर ब्राह्मण वेशधारी श्रीकृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए। बर्बरीक ने कहा-अब तो मैं वचन दे चुका, लेकिन मैं महाभारत का युद्ध भी देखना चाहता था। यह इच्छा न पूरी होने का दुख है।

khatu_shyam_baba_sikar.jpg
7/11

तब श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि तुम सृष्टि के अंत तक अमर रहोगे। तुम्हारे बाण से बिंधा मेरा यह पैर ही अब मृत्यु का कारण बनेगा जो मेरा प्रायश्चित भी होगा।

khatu_wale_shyam_ji.jpg
8/11

आगे श्रीकृष्ण ने भीम पौत्र बर्बरीक को वरदान दिया कि तुम अब मेरे ही नाम से खाटू श्याम कहलाओगे। इसलिए आज बाबा हारे का सहारा नाम से संसार में पूजे जाते हैं।

khatu_shyam_ji.jpg
9/11
khatu_shyam_ji_images.jpg
10/11

बाबा श्याम। हारे का सहारा। लखदातार। खाटूश्यामजी। नीले घोड़े का सवार। मोर्विनंदन। खाटू नरेश और शीश का दानी। जितने निराले बाबा श्याम के नाम उतने ही निराले उनके भक्त हैं।

khatu_shyam_baba_1.jpg
11/11

यहीं कारण है कि आज राजस्थान के सीकर जिले के गांव खाटू के नरेश खाटूश्यामजी को पूरी दुनिया में शीश के दानी के नाम से भी जाना जाता है।

Hindi News / Photo Gallery / Sikar / कैसे हारे का सहारा बने भीम पौत्र बर्बरीक, जानिए Baba Khatu Shyam Ji की कहानी

अगली गैलरी
next
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.