सीकर

VIDEO: 97 वर्षीय सरपंच पैदल घूमकर लेती है गांव का जायजा, जज्बे को देख हर कोई दंग

बुढ़ापा आते ही जहां लोग निढाल होकर आराम व बेबसी की जिंदगी जीते हैं, वहीं सीकर जिले के नीमकाथाना इलाके की पुरानाबास ग्राम पंचायत की 97 वर्षीय सरपंच विद्यादेवी (97 year old sarpanch vidya devi) में अब भी युवा जैसा ही जोश है।

सीकरMar 12, 2020 / 06:08 pm

Sachin

97 साल की सरपंच विद्या देवी पैदल करती है गांव का मुआयना, फूर्ति देख हर कोई है दंग

सीकर. बुढ़ापा आते ही जहां लोग निढाल होकर आराम व बेबसी की जिंदगी जीते हैं, वहीं सीकर जिले के नीमकाथाना इलाके की पुरानाबास ग्राम पंचायत की 97 वर्षीय सरपंच विद्यादेवी (97 year old sarpanch vidya devi) में अब भी युवा जैसा ही जोश है। चुनाव (Rajasthan Panchayat Election 2020) जीतने के अगले ही दिन से गांव के विकास में जुटी विद्या देवी इस उम्र में भी गांव का पैदल ही मुआयना करने निकल पड़ती है। वहीं, विकास के लिए जरूरी कदम उठाने में भी नहीं चूक रही। चुनाव में बुजुर्ग को हराने के लिए कोई पैंतरे चले गए, लेकिन ग्रामीणों का विद्यादेवी के प्रति विश्वास की डोर और मजबूत होती चली गई। चुनाव जीतने के बाद जहां ज्यादातर सरपंच जीत के जश्न में डूब गए, लेकिन विद्यादेवी अगले दिन से ही गांव के विकास में जुट गई। 97 साल की विद्या देवी ने चुनाव जीतते ही पहले गांव को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। जिसके तहत वह गांव में रोजाना कचरे से अटे रास्तों की सफाई करवा रही है। इसके लिए वह खुद इस उम्र में भी रास्तों पर निकल पड़ती है और अपनी देख रेख में सफाई करवाकर स्वच्छता की मुहिम को आगे बढ़ा रही है। विद्या देवी की इस फूर्ती का अब हर कोई कायल हो गया है। गौरतलब है कि जब विद्या देवी स्वयं चुनाव के दौरान अपना नामांकन भरने बिना किसी सहारे के बूथ पर पहुंची थी, तभी सब चौंक गए थे। चुनाव जीतकर गांव के विकास में जुटने पर तो अब हर कोई इस उम्र दराज सरपंच के काम की दाद दे रहा है।

 

तीन पीढिय़ां राजनीति में


सरपंच विद्या देवी के परिवार की तीन पीढिय़ां राजनीति से जुड़ी हुई है। आजादी के बाद जब पंचायतों का गठन हुआ उस समय उनके ससुर सुबेदार सेडूराम निर्विरोध सरपंच रहे। इनके पति मेजर शिवराम सिंह 1977 में कांग्रेस से टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन पराजित होने पर ग्रामीणों ने इन्हें निर्विराध सरपंच बनाया। इस सीट पर वे लंबे समय तक काबिज रहे। विद्या देवी विद्या देवी के पुत्र राम सिंह ने भी गांव की सरपंचाई की है। पौत्र मोंटू कृष्णयां निर्वतामान जिला परिषद सदस्य है।

 

इसलिए चुनी गई दादी


विद्या देवी के परिजनों ने बताया कि उनके पास चुनाव लडऩे के लिए अन्य कोई विकल्प ही नहीं था कि दादी के अलावा किसी दूसरे सदस्य का नामांकन भरा जा सके । जनता की मांग थी कि परिवार से कोई सदस्य खड़ा हो। लेकिन चुनाव आयोग के नियमों से सब महिला सदस्य फिट होने पर दादी की फुर्ती को देखते हुए चहेतों ने उन्हें खड़ा कर जिताने का परिवार को संबल दिया।

 

इनका कहना है:

97 वर्ष की होते भी सरपंच विद्या देवी में गांव के विकास को लेकर पूरी तरह से लगन है। उनकी दिनचर्या को देखते हुए लगता है कि वह युवा सरपंचों को भी मात देगी।
मूलचंद भाखर, पूर्व उपसरपंच

सरपंच का व्यवहार बहुत अच्छा है। गांव को इनसे काफी उम्मीदें है। इनका एक ही उद्देश्य है कि पंचायत का विकास करें।
श्रीचंद, ग्रामीण

 

Hindi News / Sikar / VIDEO: 97 वर्षीय सरपंच पैदल घूमकर लेती है गांव का जायजा, जज्बे को देख हर कोई दंग

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.